भारत में HMPV का असर रहेगा सीमित, बोले बीएचयू के जीन वैज्ञानिक
वायरस पर शोध की तैयारी
वाराणसी।ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने चीन के बाद अब भारत में दस्तक दे दी है. भारत में इसका पहला मामला बेंगलुरु में सामने आया, जहां एक 8 वर्षीय बच्चे में इस वायरस की पुष्टि हुई. भारत में अब तक इसके 8 मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV, कोरोना वायरस जितना गंभीर नहीं है.
जर्नलिस्ट कैफे की टीम ने इस वायरस के बारे में जानने के लिए बीएचयू के जीन वैज्ञानिक प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे से खास बातचीत की.
बातचीत के दौरान प्रोफेसर ने बताया कि, इसका 2 वेरिएंट है ए और बी और यह दोनों ही वेरिएंट एक समान है. वायरस नया नहीं है और इसका असर बच्चों और बुजुर्गों पर अधिक होता है.चीन में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन भारत में इसका प्रभाव सीमित रहेगा.
क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV)?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एक श्वसन संक्रमण फैलाने वाला वायरस है. इसकी पहचान सबसे पहले 2001 में नीदरलैंड में वैज्ञानिक बर्नडेट जी. वैन डेन हूगेन और उनके सहयोगियों ने की थी. हालांकि, इसे पहली बार 1991 में आइसोलेट किया गया था.
प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि यह वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा में फैलता है. इसके अलावा, वायरस कुछ समय तक सतहों पर भी जीवित रह सकता है.
किन लोगों पर ज्यादा असर?
प्रो. चौबे ने बताया कि यह वायरस मुख्य रूप से 0-5 वर्ष के बच्चों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करता है. इसके सामान्य लक्षण सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे होते हैं.
हालांकि, जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या जो पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें यह वायरस अधिक प्रभावित कर सकता है.
HMPV के लक्षण
– सर्दी-जुकाम
– गले में खराश
– हल्का बुखार
– खांसी
– सांस लेने में तकलीफ
गंभीर मामलों में यह निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस( फेफड़ों में छोटे वायुमार्ग की सूजन) जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है, खासतौर पर छोटे बच्चों और बुजुर्गों में.
भारत बनाम चीन: अलग-अलग असर
वैज्ञानिकों का कहना है कि HMPV का असर भारत और चीन में अलग-अलग होगा.
प्रो. चौबे ने बताया कि,
चीन में ठंड के मौसम और मौसमी ट्रेंड के कारण HMPV तेजी से फैल रहा है. लेकिन भारत में यह वायरस इतना सक्रिय नहीं होगा.
भारत में 5 साल तक के अधिकांश बच्चे इस वायरस की चपेट में एक बार आ चुके हैं, जिससे उनकी इम्यूनिटी विकसित हो गई है.
क्या भारत को घबराने की जरूरत है?
विशेषज्ञों का मानना है कि HMPV गंभीर खतरा नहीं है. यह वायरस लंबे समय से इंसानों के साथ सह-अस्तित्व में है.
प्रो. चौबे ने कहा, यह वायरस गंभीर समस्या पैदा करने वाला नहीं है. हालांकि, साफ-सफाई और स्वच्छता बनाए रखना जरूरी है. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं और किसी भी असामान्य लक्षण पर डॉक्टर से संपर्क करें.
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वायरस पर शोध की तैयारी
उन्होंने बताया कि अभी तक हमने इस वायरस पर शोध नहीं किया है क्योंकि यह बहुत गंभीर वायरस नही है लेकिन इसके वेरिएंट को हम लोगों ने अपने लैब में देखा है आने वाले समय में जब चीन का सैंपल हमारे सामने आएगा तो हम इस पर शोध करेंगे और यह देखेंगे कि इसका प्रभाव भारत और चीन में कितना है और इसमें कितना अंतर आता है.
सावधानी ही बचाव
1. नियमित रूप से हाथ धोएं.
2. भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें.
3. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें.
4. लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.