World Poetry Day 2023: विश्व कविता दिवस का इतिहास, महत्व और प्रसिद्ध कवि
कविता हर किसी के जीवन में बहुत अहमियत रखती है। ये एक भूचाल भरे दिल में सुकून लाने का काम करती हैं। कविता के महत्व को समझाने के लिए ही हर साल 21 मार्च को विश्व कविता दिवस मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि ये जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं और इनकी मदद से बहुत आसानी से भक्ति और प्रेम को प्रकट किया जाता है। हर साल इसी एहमियत को बताने के लिए ही कविता दिवस दुनियाभर में मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसका इतिहास और महत्व।
विश्व कविता दिवस का इतिहास…
ऐसा माना जाता है कि इसकी शुरुआत पेरिस से हुई है। संयुक्त राष्ट्र ने 1999 में पहली बार कविता की भूमिका को सम्मानित करने के बारे में सोचा। इसके बाद पहली बार विश्व कविता दिवस को अक्टूबर में मनाया गया था, फिर आगे चलकर इसकी एक तिथि निर्धारित की गई जो कि 21 मार्च रखी गई। इस दिन लोगों को कविता का अर्थ समझाने और विभिन्न भाषाओं में कविता के विभिन्न रूपों को बताने का प्रयास किया जाता है।
विश्व कविता दिवस का महत्व…
इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन दुनियाभर के कवियों को कविता के क्षेत्र में उनके बेहतरीन कामों के लिए सम्मानित किया जाता है। इस दिन कविता के भाव की सार्वभौमिकता और उसका जो भी एकीकृत प्रभाव है, उसका जश्न मनाया जाता है। इस दिन का मेन मकसद है कविता के माध्यम से लोगों को एक साथ लाना और उनमें एकता की भावना पैदा करना।
भारत के प्रसिद्ध कवि…
प्राचीन समय से ही भारत देश में कविताएँ प्रसिद्ध रही है. हर प्रदेश में अपनी भाषा के अनुसार कविताएँ लिखने का चलन है। आर्मी और फारसी ऐसी विदेशी भाषाओं में भी कविता लिखने का काफी प्रचलन है। कुछ प्रमुख कवि जैसे- तुलसीदास, कबीरदास,महादेवी वर्मा, सरोजिनी नायडू, सुमित्रानंदन पंत, गुलजार आदि है।
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