Historical Achievement : बरेका में बना 10000 वां रेल इंजन

वाराणसी में भव्य कार्यक्रम के बीच राष्ट्र को समर्पित

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 Historical Achievement : बनारस रेल इंजन कारखाना के न्यू लोको टेस्ट शॉप में मंगलवार का दिन एतिहासिक रहा. यहां 10 हजारवां रेल इंजन भव्य कार्यक्रम के बीच राष्ट्र को समर्पित किया गया. बरेका के महाप्रबंधक बासुदेव पांडा ने पुष्पों से सुसज्जित इस 10,000वें लोको WAP7 का विधिवत पूजन के उपरान्त हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया. साथ ही उन्होंने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बरेका अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी. कहा कि यह कीर्तिमान हमारे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मेहनत तथा कार्यकुशलता का परिणाम है.

क्या खास है इस 10 हजारवें इंजन में…

लोकर्पित 10,000वां एसी-एसी 6000 अश्व शक्ति पैसेंजर लोकोमोटिव WAP7-37638 साउथ सेंट्रल रेलवे के लालागुडा इलेक्ट्रिक लोको शेड को भेजा जा रहा है. उक्त लोकोमोटिव जो आरटीआईएस- वास्तविक समय सूचना प्रणाली, गर्मियों के लिए वातानुकूलित
ड्राइवर कैब, सर्दियों के दौरान ड्राइवर के लिए गर्म हवा का प्रावधान, HOG- ट्रेन लाइटिंग के लिए हेड ऑन जेनरेशन, रिजेनरेटिव ब्रेक
सिस्ट्म जैसी प्रमुख विशेषताओं से सुसज्जित है, जिसकी स्पीड 140 किमी प्रति घंटा है.

1961 से जारी है शानदार यात्रा

बता दें कि बरेका की नींव प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद ने 23 अप्रैल 1956 को रखी थी . अगस्त 1961 में बरेका अपने अस्तित्व में आया . 03 जनवरी 1964 में पहला ब्राड गेज WDM2 का लोकार्पण पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादूर शास्त्री ने एवं नवम्बर 1968
में पहले मीटर गेज रेल इंजन YDM4 का लोकार्पण पूर्व प्रधानमंत्री श्री मोरारजी देसाई ने किया था. बरेका ने अपनी स्थापना से
लेकर अब तक 10,000 रेल इंजन बनाकर एक इतिहास रचा है ।

पहले बनता था डीजल इंजन अब बनने लगा इलेक्ट्रिक

बनारस रेल इंजन कारखाना जिसे पहले डीजल रेल इंजन कारखाना के नाम से जाना जाता था. ALCO लोको तकनीक पर आधारित
पहला लोकोमोटिव तैयार करके इसने अपनी यात्रा शुरू कर न केवल रेल इंजनों के उत्पादन में कीर्तिमान स्थापित किया है, बल्कि रेल इंजनों की अश्व शक्ति में वृद्धि के साथ ही नयी- नयी तकनीक का भी विकास किया . वर्ष 2017 से बरेका ने विद्युत लोको का निर्माण शुरू किया. वर्तमान में बरेका रेलवे के लिए यात्री सेवा के लिए WAP7 और मालवाहक हेतु WAG9 इंजनों के निर्माण के साथ ही गैर रेलवे ग्राहकों एवं निर्यात के लिए रेल इंजन का उत्पादन कर रहा है.

कब-कब कितने बनाए इंजन

अब तक बरेका 1687 विद्युत लोकोमोटिव, 7498 डीजल लोकोमोटिव, 172 निर्यातित लोकोमोटिव, गैर रेलवे ग्राहक हेतु 634 लोकोमोटिव, 01 डुएल (डीजल+विद्युत) मोड लोकोमोटिव, 08 डीजल से इलेक्ट्रिक में परिवर्तित लोकोमोटिव का निर्माण किया है.

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ये अधिकारी रहे उपस्थित

लोकार्पण समारोह में प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर श्री एस.के.श्रीवास्तव, प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक श्री रजनीश गुप्ता, प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर श्री शिशिर दत्त, प्रधान वित्त सलाहकार श्री नीरज वर्मा, प्रमुख मुख्य इंजीनियर श्री बिनोद बमपाल, प्रमुख मुख्य
अधिकारी डा. देवेश कुमार, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी श्री रणविजय, मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री पी.के.चौधरी, वरिष्ठ उप महाप्रबंधक श्री विजय, मुख्य विद्युत इंजीनियर-लोका श्री अरूण कुमार शर्मा के साथ ही बड़ी संख्या में विभागाध्यक्ष, अधिकारी, कर्मचारीगण एवं कर्मचारी परिषद के सदस्य श्री अमित कुमार, श्री मनीष सिंह उपस्थित थे.

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