”उनका जाना एक राष्ट्र के रूप में भी हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है”- मोदी
देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन से पूरा देश शोक में डूबा हुआ है. हर तरह उनका ही जिक्र है, हर तरफ उनकी ही याद है. सिर्फ राजनीति ही नहीं बल्कि व्यापार जगत, सिनेमा जगत, खेल जगत हर कोई उनके निधन से आहत हुआ है. ऐसे में उनके निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक रखा गया है. वहीं शुक्रवार की सुबह पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह के आवास पर जाकर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया है. साथ ही पीएम मोदी ने पूर्व पीएम के निधन शोक संदेश साझा किया है, जिसमें उन्होंने याद करते हुए बहुत कुछ लिखा है. लिखा है कि, ”उनका जाना एक राष्ट्र के रूप में भी हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है.”
सभी के हृदय को पहुंचाई गहरी पीड़ा
पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह को याद करते हुए कहा है कि, ‘पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन ने हम सभी के हृदय को गहरी पीड़ा पहुंचाई है. उनका जाना एक राष्ट्र के रूप में भी हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है. विभाजन के उस दौर में बहुत कुछ खोकर भारत आना और यहां जीवन के हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करना ये सामान्य बात नहीं है. अभावों और संघर्षों से ऊपर उठ कर कैसे ऊंचाइयों को हासिल किया जा सकता है.
उनका जीवन ये सीख आने वाली पीढ़ी को देता रहेगा…एक अर्थशास्त्री के रूप में उन्होंने अलग-अलग स्तर पर भारत सरकार में अनेक सेवाएं दी… प्रधानमंत्री के रूप में देश के विकास और प्रगति में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा… उनका जीवन उनकी ईमानदारी और सादगी का प्रतिबिंब था…आज इस कठिन समय में मैं उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. मैं डॉ. मनमोहन सिंह को सभी देशवासियों की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.”
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”मनमोहन सिंह का जीवन ईमानदारी, सादगी का प्रतीक था”
पीएम मोदी ने कहा कि ‘वह हमेशा एक ईमानदार नेता, एक महान अर्थशास्त्री और एक ऐसा नेता के तौर पर याद रखे जाएंगे, जिन्होंने खुद को सुधारों के प्रति समर्पित कर दिया. एक अर्थशास्त्री के रूप में, खासकर चुनौतीपूर्ण समय में उन्होंने देश की बड़ी सेवा की. उन्होंने अलग-अलग पदों पर अपने सेवाएं दीं और देश की विकास यात्रा में अहम योगदान दिया. उन्होंने रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में सेवाएं दीं. पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री रहे और देश में आर्थिक उदारीकरण की नींव रखी.’
इसके आगे उन्होंने कहा कि, ‘जनता के प्रति, देश के विकास के प्रति उनका जो समर्पण था, उसे हमेशा बहुत सम्मान से देखा जाएगा. डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन ईमानदारी, सादगी का प्रतीक था. उनकी सौम्यता, बौद्धिकता उनके जीवन की पहचान रही. मुझे याद है, जब राज्यसभा में उनका कार्यकाल समाप्त हुआ था तो मैंने कहा था कि उनका बतौर सांसद समर्पण सीखने लायक है.उच्च पदों पर रहने के बावजूद मनमोहन सिंह अपनी जड़ों को कभी नहीं भूले. वे सभी के लिए सहज उपलब्ध रहे. जब मैं मुख्यमंत्री था तो मनमोहन सिंह के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर खुले मन से चर्चा होती थी. दिल्ली आने के बाद भी उनसे समय-समय पर चर्चा होती थी, वो चर्चाएं और मुलाकातें मुझे हमेशा याद रहेंगी. आज इस कठिन घड़ी में मैं उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं अर्पित करता हूं.’