चर्च के हिंदू कर्मचारी को जबरन बनाया ईसाई, मुकदमा दर्ज…

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प्रयागराज जनपद स्थित डायसिस ऑफ़ लखनऊ एक बार फिर से चर्चा में है. इस बार संस्था धर्मांतरण मामले में घिर गई है. यहां तैनात कर्मचारी आकाश त्रिपाठी ने डायसिस ऑफ़ लखनऊ के बिशॅप मारिश एडगर दान और उनके बेटे एलन दान, पादरी अजीत फ्रांसिस, महिला पादरी विनीता इशुबियस पर जबरन धर्मपरिवर्तन का आरोप लगाया है.

उसका कहना है कि उस पर ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करने का जबरन दबाव बनाया जा रहा है. पीड़ित ने मामले की तहरीर देकर सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. वहीं धर्मांतरण की जानकारी मिलते ही हिंदू संगठन व अधिवक्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है. इसके अलावा सोशल मीडिया में भी लोग कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे हैं आम लोगों में भी आरोपितों के खिलाफ गुस्सा है.

बिशॅप मारिश एडगर दान और बेटे एलन दान को बनाया मुख्य आरोपित

बता दें कि मामला सामने आने के बाद थाने में दी गई तहरीर के अनुसार पीड़ित ने डायसिस ऑफ़ लखनऊ के बिशॅप मारिश एडगर दान और उनके बेटे एलन दान को मुख्य आरोपी बनाया है. उसनं डायसिस के कर्मचारियों की मौजूदगी में उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया है.

जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहे थे कर्मचारी…

पीड़ित ने बताया कि ‘डायसिस के कर्मचारी कई माह से मुझ पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहे थे. इसके लिए संस्था में स्थाई नौकरी का प्रलोभन व मोटी रकम देने को कहा गया. इसका विरोध करने पर मुझे नौकरी से निकालने की धमकी दी जाने लगी. 24 जुलाई को बिशॅप ने मुझे कार्यालय बुलाया. जैसे ही मैं उनके केबिन में गया वहां पर बिशॅप के अलावा एलन दान, चर्च के पादरी अजीत फ्रांसिस, अमर मोसेस, विनीता इसुबियस, आर्ची तिमोथी सहित कई लोग मौजूद थे. वहां उन्होंने मेरे ऊपर जल छिडका और कहा कि अब तुम ईसाई बन गये हो. इस दौरान मौजूद बिशॅप ने कहा कि अब प्रभु ईशू का प्रचार प्रसार करोगे, हिन्दू देवी देवताओं की पूजा नहीं करोगे.

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फिर अपनाया हिन्दू धर्म…

बता दें कि, इस घटना के बाद पीड़ित ने 10 अगस्त को गंगा स्नान कर हिंदू धर्म में वापसी कर ली. इसके दूसरे दिन जब वह तिलक लगाकर डायसिस कार्यालय पहुंचा तो उसके साथ बदसलूकी की कई और कार्यालय के बाहर रोक दिया गया. अब मेरा कार्यालय में जाना प्रतिबंधित कर दिया गया है. मेरे हिंदू धर्म में वापसी के कारण मुझे नौकरी से निकाले जाने और जान से मारने की धमकी लगातार दी जा रही है.

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हिन्दू समाज में नाराजगी…

यह मामला सामने आते ही विश्वहिन्दू परिषद एवं अधिवक्ताओ सहित आम हिन्दू समाज के लोगों में खासी नाराजगी है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग ईसाई मिशनरियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. पीड़ित के समर्थन में विहिप के पदाधिकारी अधिवक्ता मनीष श्रीवास्तव अपने समर्थकों के साथ सिविल लाइन थाने पहुंचकर आरोपियों एवं मिशनरियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्यवाही की मांग की है.

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