धर्मांतरण को लेकर हाईकोर्ट सख्त…, कहा- ‘संविधान प्रचार की अनुमति तो …
Allahabad High Court: धर्मांतरण को लेकर इलाहाबद हाईकोर्ट ने तल्ख टिपण्णी की है. हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान किसी को धर्म अपनाने, उसमें आस्था ज़माने और प्रचार करने की अनुमति देता है, लेकिन किसी को लालच व दबाव बनाकर धर्म परिवर्तन की अनुमति नहीं देता है. कोर्ट ने कहा कि धर्मांतरण कराना एक गंभीर अपराध है जिस पर सख्ती की जानी चाहिए. इसी के साथ कोर्ट ने अनुसूचित जाति के लोगों को हिन्दू से ईसाई बनाने वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया है.
धर्म मानने, पालन और प्रचार की स्वतंत्रता..
कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को अपना धर्म मानने, धर्म का पालन करने के साथ उसका प्रचार करने के लिए स्वतंत्रता है. किसी को भो धर्म परिवर्तन कराने की अनुमति नहीं है. यह फैसला जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने आंध्र प्रदेश के श्रीनिवास राव नायक की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया.
महराजगंज में दर्ज थी FIR …
बता दें कि धर्मान्तरण के मामले में आंध्र प्रदेश के श्रीनिवास राव नायक के खिलाफ उत्तर प्रदेश के महारजगंज के थाने निचरौल में FIR दर्ज थी. जिसमें आरोप था कि यह गरीब हिन्दुओं को बहला – फुसला कर इसे समुदाय में उनका धर्म परिवर्तन कराता था. इनमें से ज्यादातर लोग दलित समुदाय से थे. आरोप है कि श्रीनिवास राव नायक ने इन गरीब जनता को प्रलोभन दिया था कि ईसाई धर्म अपनाने से उनके सभी दुःख- दर्द दूर हो जाएंगे और उनकी गरीबी मिट जाएगी.
आरोपित को झूठा फंसाया गया- कोर्ट
इस मामले के मुताबिक, सह- अभियुक्त विश्वनाथ ने महराजगंज जिले में अपने घर पर इस साल एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया था,जिसमें बड़ी संख्या में गांव के लोग शामिल हुए थे. उसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि याची का कथित धर्मान्तरण से कोई संबंध नहीं है. वह आंध्र प्रदेश का निवासी है और उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है.
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कोर्ट ने ख़ारिज की जमानत अर्जी…
गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई सिंगल बेंच वाली जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच ने की. बेंच ने हिन्दू से ईसाई बनाने वाली आरोपित की याचिका को ख़ारिज कर दिया है. उन्होंने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि- संविधान किसी को धर्म अपनाने, उसमें आस्था ज़माने और प्रचार करने की अनुमति देता है, लेकिन किसी को लालच व दबाव बनाकर धर्म परिवर्तन की अनुमति नहीं देता है.उन्होंने कहा कि धर्मान्तरण में कठोर कदम उठाने की जरूरत है, जिससे इसे रोका जा सकता है.