हेमंत सोरेन के सिर फिर सजेगा झारखंड के सीएम का ताज‍

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झारखण्ड में एक बार फिर हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद की बैठक में सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कथित जमीन घोटाले में गिरफ्तार हुए सोरेन को जमानत मिलने के बाद चंपई सोरेन अपने पद से इस्तीफ़ा देंगे. कहा जा रहा है कि उन्हें JMM का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है.

28 जून को जेल से रिहा हुए सोरेन…

बता दें कि झारखण्ड में कथित जमीन घोटाले के मामले में जेल में बंद सोरेन हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद 28 जून को जेल से रिहा हुए हैं. सोरेन ने गिरफ्तारी के बाद सीएम पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद उनके करीबी और प्रदेश में मंत्री चंपई सोरेन को राज्य की कमान सौंपी गई थी. इसके बाद चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को 12वें मुख्यमंत्री पद के रूप में शपथ ली थी.

आज राज्यपाल को इस्तीफ़ा देंगे चंपई सोरेन…

जानकारी मिल रही है कि चंपई सोरेन आज राज्यपाल को अपना इस्तीफा देंगे. इसके बाद हेमंत सोरेन राज्यपाल से सरकार बनाने का समय मांगेंगे. इस वक्त राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन चेन्नई में हैं और शाम 7 बजे तक वह रांची लौट सकते हैं.

एक दिन में दो-दो बार मुलाकात से राजनीतिक तापमान बढ़ा

सीएम चंपई सोरेन और हेमंत सोरेन के बीच एक दिन में दो-बार हुई मीटिंग और सीएम के कार्यक्रम के रद्द होने की वजह से मामला दिलचस्प होता दिख रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हेमंत सोरेन और चंपई सोरेन के बीच कई ऐसी बातें हुई हैं, जिससे आने वाले दिनों में झारखंड का राजनीतिक भविष्य तय हो सकता है.

सीएम चंपई के सभी कार्यक्रम स्थगित…

बता दें कि सीएम चंपई के सभी कार्यक्रम अभी स्थगित कर दिए गए है. इसके बाद पूर्व सीएम हेमत सोरेन इनके आवास में मिलने गए. इसी बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी सीएम चंपई से मुलाकात की.

कल्पना सोरेन की ताजपोशी होगी ?

झारखण्ड में अब सवाल यह उठता है कि विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल करने वाली और लोकसभा चुनाव में गठबंधन की कमान संभालने वाली कल्पना सोरेन का क्या राजनीतिक भविष्य होगा. क्या कल्पना सोरेन के सिर झारखंड के मुख्यमंत्री पद का ताज सजेगा या फिर कल्पना सोरेन को दूसरी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी के विधायक कल्पना को लेकर किसी तरह का विरोध शायद ही करें. विरोध करने वाली सीता सोरेन अब दूसरी पार्टी में हैं और बसंत सोरेन फिलहाल मंत्री पद पा कर भाई हेमंत सोरेन के कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुई दिख रहे हैं.

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साल के अंत में है विधानसभा चुनाव…

बता दें कि झारखण्ड में इसी साल के अंत में विधानसभा का चुनाव है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि चुनाव आयोग समय से पहले ही यहाँ चुनाव करनी के मूड में है. कहा जा रहा है कि सितम्बर में चुनाव तारीखों का एलान हो सकता है और अक्टूबर में चुनाव हो सकते हैं. अगर ये अटकलें सही होती हैं तो हेमंत जेल से तीन महीने पहले जेल से बहार आ चुके है और इससे विपक्ष को काफी नुक्सान उठाना पड सकता है.

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