दिल्ली में हीटवेव का कहर जारी, 24 घंटे में 25 लोगों की हुई मौत…

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दिल्ली में गर्मी की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या थमने का नाम नहीं ले रही है. वहीं, पहले से अधिक अंतिम संस्कारों की संख्या श्मशान घाटों पर बढ़ने लगी है. बीते 24 घंटे में राजधानी दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में 25 मरीजों की मौत की पुष्टि हुई है. दूसरी तरफ सफदरजंग अस्पताल में पिछले 24 घंटे में 33 मरीजों को भर्ती किया गया, जबकि 13 मरीजों ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. वहीं 16 जून से अब तक अस्पताल में 62 मरीज भर्ती हो चुके हैं और 24 लोग मर चुके हैं. वार्ड में 45 मरीज भर्ती किए गए हैं, जिनमें से 28 की हालत गंभीर है.

डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डॉ. अजय चौहान ने बताया कि, 26 मरीज बुधवार सुबह नौ बजे से गुरुवार सुबह नौ बजे तक अस्पताल में लू से पीड़ित थे जिनमें सात मरीजों की मौत हो गई है. उधर, गुरुवार को लेडी हार्डिंग अस्पताल में एक मौत हुई है. वहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, लोक नायक अस्पताल में गुरुवार को लू लगने से चार लोगों की मौत हो गई जबकि सात मरीज अस्तपताल में वेंटिलेटर पर हैं. तेज बुखार सहित बेहोशी की हालत में मरीजों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है, इसमें अस्पतालों से रेफर किए गए मरीज भी शामिल हैं.

दिल्ली में 500 लोगों के हुए अंतिम संस्कार

राजधानी दिल्ली में पड़ रही भारी गर्मी से बहुत लोग मर रहे हैं. इसके चलते निगम बोध घाट और अन्य श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए शवों की संख्या बढ़ी है. एक हफ्ते के अंदर निगम बोध घाट पर पांच सौ से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया है. 19 जून को 142 शवों का अंतिम संस्कार हुआ, जबकि 21 जून को दोपहर 12 बजे तक 30 शवों का अंतिम संस्कार हुआ.

घाट के महाप्रबंधक सुमन कुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले हफ्ते से औसतन 60 शव अंतिम संस्कार के लिए आ रहे थे, लेकिन बुधवार को एक दिन में सबसे अधिक 142 शव अंतिम संस्कार के लिए लाए गए. इस संख्या ने कोरोना वायरस के समय की याद दिला दी. अंतिम संस्कार करने वाले दस कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई गई है, क्योंकि यहां काम करने वाले लोग भी गर्मी से थक कर चूर हो जा रहे हैं. 18 जून को लोधी कॉलोनी में आर्य समाज शवदाह गृह पर 18 शवों का अंतिम संस्कार किया गया.

कैट्स एंबुलेंस को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश

दिल्ली में भारी गर्मी को देखते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने अस्पतालों और कैट्स एंबुलेंस को अतिरिक्त सावधानी बरतने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसमें कई अतिरिक्त निर्देश शामिल हैं, जैसे एंबुलेंस को हाई अलर्ट पर रखना और अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा को हर समय उपलब्ध कराना. इसके लिए विभाग ने सर्कुलर जारी किया है.

इसके अलावा विभाग की तरफ से कहा गया है कि, ”लू की चपेट में आने वाले मरीजों को भर्ती करने और इलाज में कोई देरी नहीं होनी चाहिए, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिंदगी को बचाया जा सके. सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को कहा गया है कि कोई मरीज डिस्पेंसरी में इलाज के लिए आता है तो उसे तुरंत इलाज दिया जाए और एंबुलेंस की मदद से नजदीकी अस्पताल में शिफ्ट कराया जाए”

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वरिष्ठ चिकित्सक नियुक्त होंगे

सर्कुलर ने सभी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों और चिकित्सा निदेशकों को 24 घंटे इमरजेंसी संचालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है. लू के मरीजों को देखने के लिए अस्पताल की इमरजेंसी में एक वरिष्ठ डॉक्टर की उपस्थिति अनिवार्य है.

 

 

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