त्यौहारों को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, सीएमओ ने जारी किए दिशा-निर्देश

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वाराणसीः दीपोत्सव, दीपावली, भाई दूज, छठ पर्व एवं देव दीपावली के सफलता पूर्वक आयोजन के लिए जनपद प्रशासन ज़ोरों से इस संबंध में की जा रही तैयारियों को पूर्ण कराने में जुटा है. वहीं स्वास्थ्य विभाग ने भी आकस्मिक स्थिति में चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जनपद स्तरीय सरकारी चिकित्सालयों को निर्देशित किया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि इन त्यौहारों की अवधि के दौरान वायु प्रदूषण बढ़ने की आशंका रहती है. ऐसे में श्वास के रोगियों के लिए उपचार की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.

24 घंटे संचालित रहेगी आकस्मिक सेवाएं

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश की ओर से मिले निर्देश के क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने कहा कि सभी चिकित्सालयों में आकस्मिक सेवाएं सुचारू रूप से 24 घंटे संचालित रहें. साथ ही पर्याप्त संख्या में चिकित्सक एवं स्टाफ की ड्यूटी आकस्मिक सेवाओं में लगायी जाए. विशेष रूप से पटाखों की वजह से बर्न (झुलसने) के केस, शराब के सेवन की वजह से सड़क दुर्घटना के केस, फूड प्वायजनिंग एवं आंखों की चोट के केस इत्यादि आ सकते हैं. ऐसे प्रकरणों के लिए समुचित उपचार इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित रहनी चाहिए. इसके साथ ही श्वांस एवं बर्न के रोगियों के लिए बेड आरक्षित रखे जाएं. सभी जांच एवं पैथोलॉजी के आवश्यक उपकरण क्रियाशील रहे.

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नहीं मिलेगी स्वास्थ्य कर्मियों को छुट्टी

साथ ही 108, 102 व एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर को निर्देशित किया कि किसी भी आकस्मिक स्थिति में एम्बुलेंस की ससमय उपलब्धता सुनिश्चित कराएं. समस्त चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को त्यौहारों के दिनों में अपरिहार्य कारणों के अलावा अवकाश स्वीकृत न किया जाएं. जिला प्रशासन से पूर्ण समन्वय रखकर आवश्यक कार्रवाई की जाए. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) पर चिकित्सकों की उपलब्धता रहनी चाहिए. सभी चिकित्सक इकाइयों पर परस्पर समन्वय बनाये रखेंगे, जिससे रेफर अप एवं रेफर डाउन सुचारू रूप से किया जा सके.

सीएमओ ने समस्त सरकारी चिकित्सालयों में पर्याप्त मात्रा में औषधियों एवं आवश्यक उपकरणों की क्रियाशीलता को पूर्व से ही सुनिश्चित करने को कहा. इमरजेंसी ड्यूटी में लगे चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को निर्देशित किया कि वह निर्धारित ड्रेस कोड एवं समयानुसार चिकित्सालय में उपस्थित रहकर चिकित्सकीय कार्य करना सुनिश्चित करें, जिससे किसी भी आकस्मिकता के दृष्टिगत कोई विपरीत स्थिति न उत्पन्न हो.

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