Gyanvapi : व्यास परिवार को पूजा के मामले में कोर्ट में होगी सुनवाई

व्यास परिवार के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने डीएम को किया है रिसीवर नियुक्त

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वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद में जिलाधिकारी को तहखाने का रिसीवर नियुक्त किये जाने के बाद अब व्यासजी के परिवार को आदि विश्वेश्वर के पूजा आदि के अधिकार आदि मामले में 25 जनवरी यानी कल सुनवाई होगी. गौरतलब है कि पिछले बुधवार को जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद जिलाधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया था. इसके साथ ही तहखाने को अपनी अभिरक्षा और नियंत्रण में लेकर उसे सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था. इसके बाद डीएम के आदेश पर परिसर के तालाब की सफाई कराई गई थी.

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दिसम्बर 1993 तक व्यास परिवार करता था पूजा-पाठ

गौरतलब है कि तहखाने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को सौंपने की मांग पं. सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास की ओर से की गई थी. शैलेंद्र पाठक के वकील विष्णु शंकर जैन ने अदालत पक्ष रखा. बताया कि ज्ञानवापी के दक्षिण की इमारत में तहखाना है. यह प्राचीन मंदिर के मुख्य पुजारी व्यास परिवार की मुख्य गद्दी है. यहां उनका परिवार दिसम्बर 1993 तक पूजा-पाठ करता था. इसके बाद राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने बगैर किसी विधिक अधिकार के तहखाने के भीतर पूजा पर रोक लगा दी.

प्राचीन मंदिर के मुख्य पुजारी व्यास परिवार की मुख्य गद्दी है तहखाना

पूजा पर रोक के कारण तहखाने में होने वाले राग-भोग आदि संस्कार भी बंद हो गए. तहखाने में पूजा से सम्बंधित सामग्री, प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व की अन्य सामग्रियां हैं. यह प्राचीन मंदिर के मुख्य पुजारी व्यास परिवार की मुख्य गद्दी है. व्यास परिवार से जुड़े होने के कारण वादी को वहां पूजा-पाठ, धार्मिक कार्य आदि करने का अधिकार है. अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि वंशानुगत आधार पर पुजारी व्यास जी का ब्रिटिश शासनकाल में भी वहां कब्जा था. इसलिए पूर्व की भांति आने-जाने और आदि विश्वेश्वर के पूजा-पाठ, राग-भोग करने का अधिकार दिया जाय.

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