वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना पत्र पर हिन्दू पक्ष की आपत्ति पर गुरूवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई होनी थी. आज कचहरी में अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण अदालत ने सुनवाई के लिए तीन जनवरी की तिथि निर्धारित कर दी है.
बता दें कि जिला अदालत के आदेश पर एएसआई ने वैज्ञानिक विधि से परिसर का सर्वे किया था. एएसआई ने 18 दिसम्बर को इसकी चार भागों में सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी. रिपोर्ट दाखिल करने के दौरान मुस्लिम पक्ष ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था. इसमें सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने व मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाने की मांग की गई थी. मुस्लिम पक्ष का कहना था कि रिपोर्ट की प्रति यह शपथ पत्र लेकर दी जाय कि वह किसी को लीक नहीं की जाएगी. मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाई जाय. जबकि हिंदू पक्ष ने सर्वे रिपोर्ट की प्रति देने की मांग की थी. इस मामले की सुनवाई के लिए अदालत ने 21 दिसम्बर की तिथि निर्धारित कर दी थी.
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सर्वे और रिपोर्ट दाखिल करने में लगे 153 दिन
गौरतलब है कि एएसआई ने 24 जुलाई को सर्वे शुरू किया था. सर्वे, रिपोर्ट तैयार करने और उसे कोर्ट में दाखिल करने में 153 दिन लगे. सर्वे रिपोर्ट के साथ ही जिलाधिकारी को सुपुर्द किए गए साक्ष्य की लिस्ट भी अदालत में दाखिल की गई. इसके साथ ही एक प्रार्थना पत्र भी दिया गया है, जिसमें यह बताया गया है कि एएसआई ने सर्वे का काम कैसे किया है. यह भी बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले दिनों ज्ञानवापी मामले मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल पांच आपत्तियों को खारिज करते हुए वर्ष 1991 के सबसे पुराने मुकदमे में अहम फैसला सुनाया था. हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार 32 साल पुराने इस मामले की सुनवाई अब लगातार चलेंगी और छह माह में भूमि विवाद पर निचली अदालत को अपना फैसला सुनाना है.