Gyanvapi case: ASI की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक हो या नहीं, फैसला आज

सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने पर फैसला

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वाराणसी के ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस मामले में आज मुस्लिम पक्ष की एप्लीकेशन पर हिन्दू पक्ष अपनी आपत्ति कोर्ट में देगा. बीते 18 दिसंबर को ASI सर्वे टीम ने ज्ञानवापी परिसर में 92 दिनों तक सर्वे किया. सर्वे की सील बंद रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट की गई थी जिसके बाद मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में एप्लीकेशन दी थी, जिसमें कहा गया है की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाए. रिपोर्ट की मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाने की मांग रखी गई है. इसी पर आज हिन्दू पक्ष की तरफ से आपत्ति दर्ज की जाएगी. इसके साथ ही इस पर कोर्ट निर्णय लेगा की एएसआई सर्वे रिपोर्ट को वादी और अधिवक्ताओं को देना है या नहीं.

सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने पर फैसला

आपको बता दें कि आज सुनवाई में इस पर फैसला होगा कि सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए या नहीं.18 दिसंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने रिपोर्ट दाखिल की थी. हिंदू पक्ष ने जहां सर्वे रिपोर्ट की प्रति तत्काल दिए जाने का अनुरोध किया है, तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि रिपोर्ट की प्रति यह शपथ पत्र लेकर दी जाए कि वह किसी को लीक नहीं की जाएगी. मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाने की मांग है.

24 जुलाई को शुरू हुआ था सर्वे

गौरतलब हो कि जिला जज की कोर्ट के आदेश से ज्ञानवापी में एएसआई ने बीते 24 जुलाई को सर्वे शुरू किया था. सर्वे, रिपोर्ट तैयार करने और उसे कोर्ट में दाखिल करने में 153 दिन लगे. सर्वे रिपोर्ट के साथ ही जिलाधिकारी को सुपुर्द किए गए साक्ष्य की लिस्ट भी अदालत में दाखिल की गई. इसके साथ ही एक प्रार्थना पत्र भी दिया गया है, जिसमें यह बताया गया है कि ASI ने सर्वे का काम कैसे किया है.

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लगातार चलेगी सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मामले को लेकर 1991 के सबसे पुराने मुकदमे में एक अहम फैसला सुनाया था. इस फैसले के अनुसार 32 साल पुराने इस मामले की सुनवाई अब लगातार चलेंगी. हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक 6 महीने के भीतर भूमि विवाद पर निचली अदालत को अपना फैसला सुनना है.

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