गुटखा रिश्वत मामला : पलानीस्वामी के जवाब से डीएमके का वॉक-आउट
तमिलनाडु में एक गुटका निर्माता द्वारा एक मंत्री, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तथा अन्य को दी गई रिश्वत के मामले में मुख्यमंत्री के.पलनीस्वामी के जवाब से असंतुष्ट द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सदस्यों ने गुरुवार को विधानसभा से बहिर्गमन किया।
इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता एम.के. स्टालिन के सवाल के जवाब में पलनीस्वामी ने कहा कि चेन्नई के पुलिस आयुक्त ने कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से प्रतिबंधित गुटका की बिक्री के बारे में 22 दिसंबर, 2016 को मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि पत्र को जांच के लिए सतर्कता तथा भ्रष्टाचार-रोधी निदेशालाय को भेज दिया गया।
पलनीस्वामी ने यह भी कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय ने इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग करने वाली याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि ‘जब प्रशासन खुद मामले की गंभीरता के प्रति सचेत है तो इस मामले में न्यायालय की दखलअंदाजी का कोई कारण नहीं है।’
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वहीं, सदन से बहिर्गमन के बाद स्टालिन ने ऐसी रिपोर्ट्स के पीछे की सच्चाई जानने के लिए एक बार फिर सीबीआई जांच की मांग उठाई। उन्होंने उस मंत्री और पुलिस अधिकारियों को पद से हटाने की मांग की, जिन पर गुटका निर्माता से रिश्वत लेने का आरोप है।
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