बड़ी खुशखबरी ! इस साल पति के दीदार के साथ करवा चौथ का व्रत खोलेगी महिला कैदी…

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पति – पत्नी के प्यार को समर्पित हिन्दू धर्म का विशेष त्यौहार इस साल 20 अक्टूबर यानी कल मनाया जाएगा, इस त्यौहार की तैयारियों से बाजार सजें हुए हैं. चारों तरफ इस त्यौहार की तैयारियां और रौनक देखने को मिल रही है. इस त्यौहार पर हर महिला अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ निर्जला व्रत करती है और रात को चांद के साथ अपने पति के दीदार के साथ में अपना व्रत खोलती है. लेकिन दुर्भाग्य से हर साल यूपी की जेलों में कैद महिला कैदियों को यह सौभाग्य प्राप्त नहीं हो पाता है और वे अपने पति के दीदार के बिना ही व्रत खोलने पर मजबूर रहती हैं, लेकिन इस बार राज्य महिला आयोग की तरफ से महिला और पुरुष कैदियों के लिए विशेष आदेश जारी किया गया है, जिसमें वे अपने पति और पत्नी के साथ करवा चौथ का त्यौहार मना पाएंगे.

जेल में मनाया जाएगा करवा चौथ का त्यौहार

प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान ने करवा चौथ के त्यौहार को लेकर सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किया है, जिसके तहत महिला बंदी गृहों में कैद महिला कैदी इस साल करवा चौथ का त्यौहार पारंपरिक तौर पर मना पाएंगी. इसके अलावा पुरूष कैदियों की पत्नियों को कारागार में बुलाकर करवा चौथ का व्रत पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही उन्होने पहले ही महिला बंदी गृहों में निरुद्ध कैदियों को त्यौहार, व्रत पूजा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निर्देश दिए थे. नवरात्र में व्रत रखने वाली महिला बंदियों के लिए भी फलाहार की व्यवस्था करने की व्यवस्था कारागार में की जाएगी.

कब है करवा चौथ ?

हमारे हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाएं सदियों से व्रत रखने की परंपरा चली आ रही है, इन उपवासों को करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती हैं. इसके साथ ही पति – पत्नी के रिश्तों में मजबूती आती है. करवा चौथ के व्रत को सभी उपवासों से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, इस दिन महिलाएं चांद निकलने पर निर्जला व्रत रखती हैं, पंचांग के अनुसार, करवा चौथ पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. वहीं इस साल 20 अक्टूीबर 2024 को करवा चौथ रखा जाएगा. इस व्रत की महत्ता इस दिन व्यतीपात योग और कृत्तिका नक्षत्र से बढ़ी है. ऐसे में चांद की पूजा करना और लाभदायक होगा, जिससे व्रत के संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है.

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करवा चौथ का क्या है महत्व ?

करवा चौथ की महत्व को लेकर मान्यता है कि, भगवान भोलेनाथ के लिए यह व्रत पहली बार देवी पार्वती ने किया था. यह भी कहा जाता है कि, द्रौपदी ने पांडवों को मुसीबत से बचाने के लिए करवा चौथ का व्रत भी रखा था. विवाह के 16 या 17 साल तक करवा चौथ का व्रत करना अनिवार्य है, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की अच्छी सेहत और लंबी आयु की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं. इसके अलावा, कुंवारी कन्याएं करवा चौथ का व्रत भी रखती हैं ताकि उनका वर उचित हो सके.

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