काशी की बेटी रानी लक्ष्मीबाई पर हमें है गर्व – पंडित अशोक द्विवेदी

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वाराणसी: देश की प्रथम महिला वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की 189वी जयंती मंगलवार को वाराणसी स्थित उनकी जन्मस्थली पर धूमधाम से मनाई गई. जागृति फाउंडेशन एवं महारानी लक्ष्मीबाई जन्म स्थान स्मारक समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पूर्व अध्यक्ष एवं काशी कर्मकांड न्यास परिषद के अध्यक्ष आचार्य पंडित अशोक द्विवेदी, विशिष्ट अतिथि अमेरिका के कैलिफोर्निया से आए स्वामी अदृशानंद,

लोक भूषण सम्मान से सम्मानित साहित्यकार डॉक्टर जयप्रकाश मिश्रा. दुर्गा मंदिर के महंत विकास कुमार दुबे, काशी के पंडित परंपरा के प्रकांड विद्वान पंडित स्वर्ण प्रताप चतुर्वेदी राघवेंद्र पांडेय, नगर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर वीके सिंह एवं जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने महारानी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप जलाकर समारोह का शुभारंभ किया. इस अवसर पर आचार्य पंडित अशोक द्विवेदी ने कहा की झांसी की रानी काशी की बेटी थी और हमें बहुत ही गर्व है की वह हम लोगो के मोहल्ले की थी. आज उनकी जन्मस्थली आकर गर्व की अनुभूति हो रही है.

प्रबुद्धजनों ने भावांजलि अर्पित की

वक्ताओं ने कहा कि महारानी ने स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में जो अपना अमूल्य योगदान दिया उसका हम शब्दों में वर्णन नहीं कर सकते. रानी लक्ष्मीबाई के बताए हुए रास्ते पर चलकर ही आज देश स्वतंत्र हुआ और हमें इस महिला वीरांगना पर गर्व है. साहित्यकार डॉ जयप्रकाश मिश्रा ने ओजस्वी कविताओं को सुना कर महारानी को अपनी भावांजलि अर्पित की. अमेरिका से आए स्वामीअदृशानंद महाराज ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई ने झांसी में अंग्रेजों के सामने समर्पण करने से मना करते हुए कहा कि मैं जिंदा रहते हुए अपनी झांसी किसी को नहीं दूंगी उसी का परिणाम रहा कि हमारा देश आज स्वतंत्र हुआ और हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं.

दुर्गा मन्दिर के महंत विकास दुबे ने कहा कि ने कहा कि हमें महारानी के बताए हुए रास्तों पर के बारे में आज की पीढ़ी को जानकारी देनी चाहिए उनकी देशभक्ति की भावनाओं को आने वाली पीढ़ी को बतानी चाहिए तभी हमारा देश देशभक्त पीढ़ी पैदा कर सकेगा. राघवेंद्र पांडे ने कहा कि काशी की बेटी एवं झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़कर यह सिद्ध कर दिया कि देश का बच्चा-बच्चा जब चाहे वह देश को एक नई दिशा प्रदान कर सकता है.

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वीरांगना एक्सप्रेस चलाने की मांग

कार्यक्रम के संयोजक एवं संचालन कर रहे जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विन वैष्णव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी से अपील की कि वह महारानी लक्ष्मी बाई के नाम पर वीरांगना एक्सप्रेस चलाएं. उनकी इस मांग को जन्मस्थली पर उपस्थित सैकड़ो प्रबुद्ध जनों ने अपनी सहमति प्रदान करते हुए कहा कि महारानी के नाम पर एक नई ट्रेन वीरांगना एक्सप्रेस होनी ही चाहिए. रामयश मिश्र ने कहा कहां की अगर नई ट्रेन न चला सके तो वाराणसी से बुंदेलखंड को जाने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस का नाम बदलकर उसे वीरांगना एक्सप्रेस कर दें.

काशी की बेटी रानी लक्ष्मीबाई पर हमें है गर्व - पंडित अशोक द्विवेदी

उन्होंने कहा कि यह ट्रेन महारानी के जन्मस्थली से लेकर उनकी शहीद स्थली तक यह ट्रेन जाती है इसलिए इसका नाम वीरांगना एक्सप्रेस होना चाहिए. इस अवसर पर जयंती समारोह में उपस्थित महारानी लक्ष्मीबाई जन्म स्थान स्मारक समिति के विश्वनाथ यादव उर्फ छेदी ने कहा कि महारानी के नाम पर नई ट्रेन चलाने की बात बात का समर्थन किया और कहा कि यह ट्रेन जल्द से जल्द चलनी चाहिए. जयंती समारोह को आचार्य संतोष कुमार मिश्र, सत्यांशु जोशी दिलीप पांडे आदि ने भी संबोधित करते हुए अपने विचारों से वीरांगना के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किया. इस अवसर पर राजू पांडे, उमाशंकर गुप्ता, समाजसेवी साधना यादव, निधि, डॉक्टर जयप्रकाश मिश्रा सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे.

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