सरकार का आखिरी बजट, सत्र की शुरूआत राष्‍ट्रपति के संबोधन से

संसद का सत्र 10 दिनों का होगा

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संसद का बजट सत्र ( budgetsession) आज से शुरू हो रहा है. यानि कल 1 फरवरी को संसद ( parliament) में आम बजट पेश किया जायेगा. मोदी सरकार ( modi government) के कार्यकाल का यह आखिरी बजट है लेकिन चुनावी साल में इस बजट से देश की जनता को काफी आस है. संसद का यह सत्र 10 दिनों का होगा जो नौ फरवरी तक चलेगा. संसद का बजट सत्र आज राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन से शुरू होगा जो दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी.

10 दिन तक चलेगा बजट सत्र-

संसद का बजट सत्र 10 दिनों का होगा जो 31 जनवरी से शुरू होकर 9 फरवरी तक चलेगा. संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू होगा, जो दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी. वहीँ, एक फरवरी को सरकार अपना अंतरिम बजट पेश करेगी.

तो आइए जानते है कैसा होगा देश का चुनावी बजट …

देश की जनता को सरकार के बजट से कुछ न कुछ आस होती है. मोदी सरकार कल अपना आखिरी बजट पेश करेगी. साथ ही माना यह जा रहा है कि सरकार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर ख़र्च को बढ़ाएगी, जो कि पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था का 17 फ़ीसदी है. सरकार ने 2021 में इस सेक्टर के लिए 1.97 लाख करोड़ के वित्तीय सहायता की घोषणा की थी.

बढ़ती बेरोजगारी चिंता का विषय-

देश में आम बजट ऐसे समय पेश हो रहा है जब बढ़ती बेरोजगारी चिंता का एक बहुत महत्त्वपूर्ण विषय बनी हुई है. सरकार के द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल स्नातकों में बेरोज़गारी सबसे अधिक 13.4 फ़ीसदी थी.

बजट को लेकर अर्थशास्त्रियों को चिंता –

देश में चुनावी साल में पेश होने वाले आम बजट से पहले अर्थशास्त्रियों ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने के है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देना और नौकरियां पैदा करने की योजनाएं सही दिशा में उठाया गया एक क़दम है.

प्रोफ़ेसर अरुण कुमार बताते हैं कि 1.97 लाख करोड़ रुपये में से अब तक केवल दो फ़ीसदी ही बांटे गए हैं. इस साल जनवरी में प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की ओर से जारी पीएलआई पर जारी आखिरी बयान के मुताबिक इस योजना के तहत अबतक 4,415 करोड़ रुपये बांट गए हैं.

अरुण कुमार का कहना है कि सरकार को धनराशि को अलग तरीक़े से खर्च किया जाना चाहिए था. वो कहते हैं, ”इसे सही ढंग से लक्षित नहीं किया गया है, क्योंकि भारत में नौकरियां संगठित क्षेत्र नहीं बल्कि असंगठित क्षेत्र पैदा करता है. केवल 6 फ़ीसदी कार्यबल ही संगठित क्षेत्र काम करता है. 94 फीसदी कार्यबल असंगठित क्षेत्र में काम करता है.”

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भारत ने दिखाया मजबूत विकास- IMF

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि, ”भारत की अर्थव्यवस्था ने ‘मज़बूत विकास’ दिखाया है. इसका वित्तीय क्षेत्र लचीला और कई सालों से सबसे मज़बूत रहा है. जिसके चलते भारत 2023 की शुरुआत में आई आर्थिक मंदी से काफ़ी हद तक अप्रभावित रहा.” अनुमान के मुताबिक़ भारत में विकास दर के मज़बूत रहने की संभावना है, लेकिन सवाल यह भी है कि क्या सभी भारतीय इस विकास को महसूस कर पा रहे हैं.

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