‘जोड़ी गदा’ के द्रोणाचार्य की मांग हमारी भी सुनो सरकार
अन्य खेलों की तरह जोड़ी गदा को भी खेल में किया जाए शामिल
वाराणसी। धर्म और आध्यात्म की नगरी काशी में अखाड़े से कई ऐसे पहलवान निकले जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अमिट छाप छोड़ने का काम किए अखाड़े से ही जुड़ा हुए एक खेल है जोड़ी गदा पहलवानी। इस खेल में पहलवान दोनों हाथों में अपने वजन के बराबर गदा लेकर फेरते हैं। 23 सितंबर को प्रधानमंत्री का काशी आगमन हो रहा है गंजारी में क्रिकेट स्टोडियम की नींव रखने के बाद एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। गंजारी से थोड़ी दूरी पर बेनीपुर सबलपुर के रहने वाले जोड़ी गदा के पहलवान जोखू ने मांग किया है कि जिस तरह से काशी सांस्कृतिक महोत्सव कार्यक्रम के तहत बाकी खेलों का प्रोत्साहन किया जा रहा है और उसके जीते हुए खिलाड़ियों को पीएम के द्वारा सम्मानित किया जा रहा है ठीक वैसे ही जोड़ी गदा के पहलवानों को भी पीएम की जनसभा में सम्मानित किया जाए।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में जोड़ी गदा के पहलवानों को शामिल करने की मांग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बेनीपुर सबलपुर निवासी जोड़ी गदा सम्राट जोखू पहलवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से आग्रह करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहल पर जिस प्रकार काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव कार्यक्रम के दौरान विभिन्न अलग-अलग विधाओं के कलाकारों को अपना कला पेश करने का मौका मिला था। उसी प्रकार हमारे भारतीय खेल जोड़ी गदा जो काशी का प्रसिद्ध खेल है जो लुप्त होने के कगार पर है उसे भी जीवित रखने के लिए 23 सितंबर को गंजारी में होने वाले प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में अन्य विभिन्न विधाओं के कलाकारों के साथ जोड़ी गदा के पहलवानों को भी आमंत्रित कर अपने कला को प्रदर्शित करने के लिए उनको मौका दिया जाय।
जोड़ी गदा के पहलवानों को मिले उचित सम्मान
जोखू पहलवान ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि काशी में एक ऐसा भी दौर था जब आजादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी उस समय चंद्रशेखर आजाद जी काशी के अखाड़े से पहलवानी लड़ते थे चंद्रशेखर आजाद जी भी जोड़ी गदा की पहलवानी करते थे। सन 1960 से हमने पहलवानी शुरू किया। पिता महादेव वाराणसी के अखाड़े के एक मशहूर पहलवान थे मेरे दादाजी रामस्वरुप भी जोड़ी गदा के सबसे बड़े पहलवान थे आजादी की लड़ाई के समय हमारे दादाजी क्रांतिकारियों को जोड़ी गदा पहलवानी की ट्रेनिंग देते थे। जोड़ी गदा के पहलवानों को उचित सम्मान दिया जाए और इसको खेलों में शामिल करके प्रोत्साहन दिया जाए यही हमारी मांग है।
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