ओबीसी क्रीमी लेयर की सीमा 8 लाख की गई
केंद्र सरकार ने बुधवार को केंद्र सरकारी की नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए क्रीमी लेयर की उच्चतम सीमा बढ़ाकर आठ लाख रुपये सालाना कर दी। पहले यह सीमा छह लाख थी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को इसकी घोषणा की। इस घोषणा के बाद ओबीसी(OBC) श्रेणी के सालाना आठ लाख रुपये तक की आय वाले अभ्यर्थी आरक्षण लाभ ले पाएंगे। इससे पहले जिनकी आय छह लाख होती थी, उन्हें यह लाभ मिलता था। अब इसका दायरा बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया गया है।
पहले 6 लाख रुपए सालाना थी
आपको बता दें कि अब तक 6 लाख रुपये या इससे अधिक सालाना आय वाले ओबीसी परिवार को लाभ पाने वालों की सूची से हटाकर क्रीमी लेयर में रखा गया था। इस आय वर्ग के ओबीसी(OBC) को किसी तरह का फायदा नहीं दिया जाता है। लेकिन केंद्र सरकार ने क्रीमी लेयर को फिर से परिभाषित करने की मंशा जाहिर की थी, ताकि इसका फायदा जरूरतमंद और समाज के निचले तबके तक पहुंचाया जा सके। ओबीसी आरक्षण के लिए आखिरी समीक्षा 2013 में की गई थी।
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27 प्रतिशत है आरक्षण
क्रीमी लेयर में आने वाले पिछड़ा वर्ग के लोग आरक्षण के दायरे से बाहर हो जाते हैं। सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में ओबीसी(OBC) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण है, बशर्ते परिवार की वार्षिक आय क्रीमी लेयर के दायरे में न आती हो। अभी तक वार्षिक आय छह लाख रुपये तक तक थी, अब यह 8 लाख रुपये हो गई है।
सब-कैटेगरी बनाने के लिए सिफारिश
जिनकी आय अधिक होती है उन्हें क्रीमी लेयर कहा जाता है और वे आरक्षण के लिए पात्र नहीं होते। जेटली ने बताया कि ओबीसी की सूची में सब-कैटिगरी बनाने की दिशा में एक आयोग का गठन करने के लिए राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेजी गई है। इससे, लाभ पाने से वंचित रह जाने वाले लोगों को भी शामिल किया जा सकेगा
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