मप्र : खुले में शौच को लेकर नई पहल
मध्यप्रदेश के सभी 378 नगरीय निकायों के खुले में शौच से मुक्त होने का सरकार ने दावा किया है। राज्य की नगरीय विकास मंत्री माया सिंह ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता और आम लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया है।
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शौचालय का उपयोग करने की मानसिकता विकसित हुई है
माया सिंह ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा, “मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में वर्ष 2018 तक मध्यप्रदेश राज्य खुले में शौच से पूर्ण रूप से मुक्ति पा लेगा। स्वच्छता अभियान से लोगों की मानसिकता में परिवर्तन आया है, लोग अपने गांव और शहरों को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित हुए हैं, शौचालय का उपयोग करने की मानसिकता विकसित हुई है।
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दो लाख व्यक्तिगत शौचालय निर्माण का लक्ष्य है
नगरीय विकास मंत्री ने आगे कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में भारत के सौ शहरों में राज्य के 22 शहरों का चुना जाना प्रदेश के लिए गौरव की बात है। सभी नगरीय क्षेत्रों में अभी तक 4 लाख 80 हजार व्यक्तिगत शौचालय बनवाए गए हैं। इस वित्तवर्ष में लगभग दो लाख व्यक्तिगत शौचालय निर्माण का लक्ष्य है।
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सार्वजनिक शौचालय के लिए निकाय को 32 हजार 500 रुपये प्रति सीट का अनुदान दिया जाता है
उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा निकायों को 20 प्रतिशत अनुदान तथा 30 प्रतिशत तक राशि पांच प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिए जाने का प्रावधान है। साथ ही व्यक्तिगत शौचालय के लिए हितग्राही को 6,880 रुपये तथा सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय के लिए निकाय को 32 हजार 500 रुपये प्रति सीट का अनुदान दिया जाता है।
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