खुशखबरी : दिल्ली-NCR की तर्ज पर लखनऊ-SCR को मिली मंजूरी…
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा इस समय एक्शन मोड़ में है और इसी के चलते योगी सरकार ने आज शुकवार को बड़ा फैसला लिया और दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर प्रस्तावित लखनऊ SCR के लिए अधिसूचना जारी कर दी. इसके तहत लखनऊ के आसपास राजधानी क्षेत्र बनाया जाएगा. मंजूरी मिलने के बाद अब राजधानी के आसपास के 6 जिलों के अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की गई है. इसके तहत लखनऊ के अलावा उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, रायबरेली और बाराबंकी को मिलाकर SCR बनाया जाएगा. यूपी स्टेट कैपिटल रीजन के दायरे में कुल 27,860 क्षेत्रफल वर्ग किलोमीटर का एरिया किया जाएगा.
सीएम होंगें प्राधिकरण के अध्यक्ष…
बता दें कि दिल्ली की तर्ज पर बन रही SCR प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे और मुख्य सचिव, विभागीय अपर मुख्य सचिव, विभागीय सचिव आदि इसमें सदस्य होंगे. कई महत्वपूर्ण विभागों के अपर मुख्य सचिव, सचिव पदेन सदस्य होंगे. इन सभी छह जिलों के डीएम,विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी सदस्य होंगे. मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन भी पदेन सदस्य होंगे. भारत सरकार की ओर से नामित और रक्षा मंत्रालय की ओर से नामित अधिकारी भी क्षेत्र सदस्य होंगे. एससीआर प्राधिकरण के सचिव का पदभार मंडलायुक्त लखनऊ के पास होगा. .
शहरों का होगा सुनियोजित विकास..
अधिसूचना जारी होने की तारीख से ही प्राधिकरण गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. एससीआर के गठन के बाद इन सभी 6 शहरों का सुनियोजित विकास होगा. SCR के विकास, नक्शा मंजूरी, और अन्य विकास परियोजनाओं के लिए नए नियम और मानक बनेंगे इसकी जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण को दी गई है. सरकार का मानना है कि इन जिलों के सुनियोजित शहरीकरण और समान विकास के लिए एससीआर जरूरी है और इसी से प्रदेश में आर्थिक विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद मिलेगी. एससीआर आ जाने से इन क्षेत्रों में सुनियोजित विकास से निजी क्षेत्र में रोजगार मिलने का भी रास्ता साफ होगा.
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क्या है एससीआर..
एनसीआर को जैसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कहा जाता है. वैसे ही एससीआर को राज्य राजधानी क्षेत्र कहा जा रहा है. एनसीआर में जैसे दिल्ली के आसपास के जिलों को राष्ट्रीय राजधानी के तहत योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया गया है. वैसे ही एससीआर में लखनऊ और उसके आसपास के जिलों का विकास लखनऊ की ही तरह किया जाएगा.