खुशखबरी ! बिजली, पानी के बाद अब दिल्ली वालों को वाहन चालान में भी मिलेगी 50% छूट….
दिल्ली की केजरीवाल हमेशा से ही दिल्लीवालों पर मेहरबान रही है. पहले बिजली औऱ फिर पानी में छूट देकर दिल्ली वालों को दिल जीतने वाली आप सरकार ने अपने मुश्किल समय में दिल्ली वालों को एक और बड़ी खुशखबरी दे दी है. इसके साथ ही अब दिल्ली में वाहनों के चालान में भारी छूट मिलने वाली है.
जी हां, दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने चालान में छूट के प्रस्ताव को उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेज दिया है. ऐसे में एलजी की मंजूरी मिलने के साथ ही दिल्ली में वाहन पर लगाने वाले चालान पर 50 प्रतिशत तक छूट मिलनी शुरू हो जाएगी. दिल्ली में जिन वाहनों के चालान कटे हैं , उन्हें यह छूट मोटर वाहन अधिनियम की विशिष्ट धाराओं के अंतर्गत अपराधों पर दी जाएगी.
केजरीवाल सरकार के इस प्रस्ताव को लेकर बोलते हुए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि, ”सरकार ने ये फैसला जनता की सुविधा और यातायात जुर्माना निपटाने को प्रोत्साहित करने के लिए लिया गया है. उन्होंने कहा है कि इस सुविधा से यातायात जुर्माना अदा करने से अदालतों और परिवहन विभाग पर काम का बोझ कम होगा. कैलाश गहलोत ने बताया है कि दिल्ली सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम की कुछ धाराओं के तहत कुछ यातायात अपराधों के लिए निर्धारित चालान राशि का 50 फीसदी जुर्माना कंपाउडिंग करने की घोषणा की है.”
एलजी को भेजा गया प्रस्ताव
दिल्ली सरकार ने राज्य के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को इस प्रस्ताव को उनकी मंजूरी के लिए भेजा है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि, ”एलजी से मंजूरी मिलते ही मौजूदा चालानों के लिए अधिसूचना के 90 दिनों के भीतर और नए चालानों को 30 दिनों के अंदर निपटारा किया जाना जरूरी होगा. ऐसा करने पर जुर्माना भरने वाले वाहन चालकों को 50 फीसदी की छूट मिल जाएगी. उनका कहना है कि इस प्रस्ताव का उद्देश्य लोगों को सुविधाजनक तरीके से अपना चालान जुर्माना भरने के लिए प्रोत्साहित करना है.”
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जाने किन यातायात अपराधों पर लागू होगा नियम ?
दिल्ली सरकार ने राज्य के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को चालान जुर्माना में 50 प्रतिशत की छूट का प्रस्ताव भेजा है. जिन लोगों के भारी चालान कटे हुए हैं और वे जुर्माना नहीं भर पा रहे हैं, उन वाहन मालिकों और चालकों को इसका लाभ वहां से मंजूरी मिलते ही मिलेगा. इसके लिए 1988 मोटर वाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं 177, 178 (1) या (2), 178 (3) (ए), 178 (3) (बी), 179 (1) या (2), 180, 181, 182 (2), 182 ए (1), 182 ए (3), 182 ए (4), 182 बी, 183 (i), 183 (ii), 184, 186, 189, 190(2), 192 (1), 192 ए, 194 (2), 194 ए, 194 बी, (1) & (2), 194 सी, 194 डी, 194 ई, 194 एफ, (ए) & (बी), 196 और 198 में और इसके तहत बनाए गए नियमों में यह लागू होगा.