हिस्ट्रीशीटर से संत बने गोल्डेन बाबा का निधन, AIIMS में चल रहा था इलाज
पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में रहने वाले सुधीर कुमार मक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा का मंगलवार देर रात निधन हो गया। बाबा पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में चल रहा था।
कई किलो सोना पहनने वाले गोल्डन बाबा कांवड़ यात्रा के वक्त अक्सर सुर्खियों में रहते थे। हाथ की सभी उंगलियों में सोनी की अंगूठी, गले में कई किलो की चैन, ब्रेसलेट सहित बाबा गोल्ड का जैकेट पहनते थे।
गारमेंट व्यवसायी थे गोल्डन बाबा-
बाबा बनने से पहले सुधीर कुमार एक गारमेंट व्यवसायी थे। उन्हें सोने के आभूषणों का बहुत शौक था। गोल्डन बाबा 20 किलो स्वर्ण आभूषण और 21 लग्जरी कारों के साथ कांवड़ यात्रा पर गए थे। इसकी हर तरफ चर्चा हुई थी।
सुरक्षागार्डों की फौज रखते थे बाबा-
हिस्ट्रीशीटर बदमाश से संत बने गोल्डेन बाबा दिल्ली और यूपी में काफी चर्चित रहे हैं। करोड़ों के आभूषण की सुरक्षा के लिए गोल्डन बाबा अपने साथ निजी सुरक्षागार्डों की फौज रखा करते थे।
जूना अखाड़े से ताल्लुक रखने वाले गोल्डन बाबा के बारे में कहा जाता है कि अपने पापों से बचने के लिए उन्होंने संत का चोला पहन लिया। कहा जाता है कि एक टाइम पर हिस्ट्रीशीटर रहे हैं। जो मुकदमे उनके खिलाफ दर्ज हैं उनमें अपहरण, धमकी, फिरौती जैसी कई अन्य मुकदमे शामिल हैं।
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