कांग्रेस में वापसी करेंगे गुलाम नबी आजाद! भारत जोड़ो यात्रा के बाद तय होगी रणनीति
गुलाम नबी आजाद को दोबारा से कांग्रेस में शामिल कराने की कोशिशें तेज हो गई हैं. सोनिया गांधी की करीबी अंबिका सोनी के संपर्क में आजाद हैं. कांग्रेस में शामिल करवाने की रणनीति के मुताबिक, आजाद पहले भारत जोड़ो यात्रा जुड़ेंगे, उसके बाद पार्टी में वापसी कराई जाएगी. बता दें अगस्त, 2022 में उन्होंने राहुल गांधी पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के साथ अपना 50 वर्ष पुराना साथ छोड़ दिया था. इसके बाद आजाद ने जम्मू-कश्मीर में अपनी आजाद डेमोक्रेटिक पार्टी बनाई. हालांकि, उनके इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में भी टूट पड़ी और कई वरिष्ठ नेता आजाद के साथ आ गए.
आजाद डेमोक्रेटिक पार्टी गठन के 4 महीने हो चुके हैं, वर्तमान में अब उनकी पार्टी भी टूटने लगी है. कई नेताओं ने आजाद का साथ छोड़ कांग्रेस में वापसी की है. सूत्रों मुताबिक, राजनीतिक तौर पर आजाद कमजोर पड़ गए हैं और कांग्रेस में अपनी वापसी को लेकर सकारात्मक हैं. वहीं, कांग्रेस भी बिना शर्त उनकी वापसी की बात कह रही है. सोनिया गांधी की करीबी अंबिका सोनी भी गुलाम नबी आजाद से इस बारे में बात कर रही हैं. लेकिन, आधिकारिक रूप से अभी तक कुछ भी नहीं कहा गया है.
इसके अलावा, कांग्रेस के अंदर आजाद के नेतृत्व वाले G-23 में शामिल रहे नेता, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष और G-23 के सदस्य रहे अखिलेश प्रसाद सिंह भी आजाद के संपर्क में हैं. उधर, नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी भारत जोड़ो यात्रा में अपने शामिल होने का एलान कर चुके हैं. इसके बाद आजाद पर भी दबाव और बढ़ गया है. कांग्रेस से बगावत करने वाले उनके कुछ और साथी भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने की फिराक में हैं.
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कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को समझा रहे हैं कि उन्हें भी भारत जोड़ो यात्रा से जुड़कर घर वापसी कर लेनी चाहिए. सूत्रों का कहना है कि 10 जनपथ के खास और राहुल गांधी के करीबी जयराम रमेश ने भी आजाद को एक मैसेज किया है. गुलाम नबी आजाद कांग्रेस में वापसी के लिए तैयार हैं, लेकिन वह चाहते हैं की गांधी परिवार का कोई सदस्य उनको एक फोन कॉल कर, इसके लिए कहे. लेकिन, पार्टी छोड़ते वक्त जिस तरह का निजी हमला उन्होंने राहुल गांधी पर किया था, उसकी वजह से गांधी परिवार आजाद को मनाने के मूड में नहीं है. यही चुनौती उनसे बात कर रहे नेताओं के सामने है.
गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की दुर्गति के लिए सीधे-सीधे राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया था और उन्हें अपरिपक्व बताया था. इसके साथ ही उन्होंने 26 अगस्त, 2022 को सोनिया गांधी को 5 पन्नों का त्याग पत्र भेजकर पार्टी को अलविदा कह दिया था.