कांग्रेस से ‘आजाद’ हुए गुलाम, बेटे संग बनाएंगे नयी पार्टी, समर्थन में इन लोगों ने दिया इस्तीफा
कांग्रेस के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने 51 साल बाद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे के साथ ही आजाद ने यह भी साफ कर दिया है कि नयी पार्टी बनाएंगे. अपने इस्तीफे को लेकर उन्होंने शुक्रवार को सोनिया गांधी को 5 पन्नों का पत्र भी भेजा. इस पत्र में गुलाम नबी ने पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व पर बड़े सवाल उठाए हैं. इस दौरान उन्होंने खासतौर पर ‘जनवरी 2013’ का जिक्र किया.
सोनिया गांधी को लिखे पत्र में गुलाम नबी आजाद ने कहा
‘बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है. कांग्रेस लड़ने की अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो चुकी है. कांग्रेस में हालात अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गए है, जहां से वापस नहीं आया जा सकता है. आपकी अध्यक्षता में पार्टी अच्छे से काम कर रही थी और सबसे मशविरा लिया जाता था. दुर्भाग्य से राहुल गांधी की राजनीति में एंट्री के बाद और खासतौर पर जनवरी 2013 में कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनने के बाद सलाह-मशविरे के साथ चलने की जो परंपरा थी, वह ध्वस्त हो गई. वह ‘भारी मन’ से यह कदम उठा रहे हैं. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकाली जानी चाहिए थी. पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव संपन्न नहीं हुए.’
गुलाम नबी आजाद ने आगे लिखा
‘राहुल गांधी के आने के बाद सारे वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को किनारे लगा दिया गया. उनकी जगह गैर-अनुभवी और चापलूस दरबारियों ने ले ली. यही नहीं इन्हीं लोगों के हाथों में पार्टी के मामलों की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई. इसका अपरिपक्वता का बड़ा उदाहरण वह था, जब राहुल गांधी ने मीडिया की मौजूदगी में सरकार के अध्यादेश को ही फाड़ दिया. उस अध्यादेश पर कांग्रेस के कोर ग्रुप में चर्चा हुई थी और कैबिनेट से मंजूरी भी दी गई थी. ऐसे बचकाना व्यवहार ने प्रधानमंत्री और भारत सरकार की गरिमा को ही कमजोर कर दिया था.’
इसके अलावा, गुलाम नबी ने पत्र में कांग्रेस से अपने रिश्ते और गांधी परिवार की कई पीढ़ियों के साथ काम करने का जिक्र करते हुए कहा
‘मैंने आपके दिवंगत पति राजीव गांधी, इंदिरा गांधी, संजय गांधी के साथ काम किया था. आधी सदी से ज्यादा का वक्त मैंने कांग्रेस को दिया है, लेकिन अब बेहद भारी मन से मैं कांग्रेस के सभी पदों से तत्काल इस्तीफा देता हूं और पार्टी से भी अपने संबंध समाप्त कर रहा हूं.’
दरअसल, गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि अब उनका अगला कदम क्या होगा? इस्तीफा देने के बाद गुलाम नबी ने जम्मू-कश्मीर की आवाम से कहा है कि वह अब अपने राज्य की ओर रुख कर रहे हैं. वहीं एक निजी चैनल से बातचीत में उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि वह अपने बेटे सद्दाम के साथ नयी राजनीतिक पार्टी का बनाएंगे. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो गुलाम नबी आजाद का यह कदम पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरह ‘कैप्टन पार्ट 2’ का एक बड़ा हिस्सा माना जा रहा है.
लंबे समय से कश्मीर में राजनीति और गुलाम नबी आजाद के पूरे राजनीतिक सफर को करीब से देखने वाले वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक एसएन कॉल के मुताबिक, गुलाम नबी आजाद अपने बेटे सद्दाम के साथ कश्मीर में एक नयी पार्टी खड़ी कर आने वाले चुनावों में जम्मू-कश्मीर में सभी विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े कर सकते हैं. जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक गलियारों में भी इसी बात की हलचल शुरू हो गई है.
वहीं, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस नेता जीएम सरूरी ने कहा हम 5 पूर्व विधायक (जीएम सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम) गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं. अब केवल जेकेपीसी अध्यक्ष अकेले ही रहेंगे.
We the 5 ex-MLAs (GM Saroori, Haji Abdul Rashid, Mohd Amin Bhat, Gulzar Ahmad Wani and Choudhary Mohd Akram) are resigning from the Congress party in support of Ghulam Nabi Azad. Now, only JKPC president will be left alone: J&K Congress leader GM Saroori pic.twitter.com/SBruwhslHa
— ANI (@ANI) August 26, 2022
भाजपा नेता सुनील जाखड़ ने कहा ‘यह अंत की शुरुआत है, श्री आजाद के इस्तीफे का मतलब यह है कि कांग्रेस आ रही थी. उन्होंने इस स्थिति को कायम रखा. यह दीवार पर लिख रहा था, जिसे उन्होंने अनदेखा करना चुना. चाहे वह ज्योतिरादित्य सिंधिया, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद और अब आजाद साहब हों.’
It’s beginning of the end, what Mr Azad’s resignation signifies is that Congress had it coming. They perpetuated this situation. It was writing on the wall which they chose to ignore-whether it was Jyotiraditya Scindia, RPN Singh, Jitin Prasada & now Azad sa’ab: Sunil Jakhar, BJP pic.twitter.com/sjYbV8tGWW
— ANI (@ANI) August 26, 2022
सुनील जाखड़ ने आगे कहा ‘गुलाम नबी आजाद ने मेरी सभी शिकायतों की पुष्टि की, जो मैंने कांग्रेस छोड़ने के बाद स्पष्ट की थीं. सिर्फ आज ही नहीं कि कांग्रेस के एक बहुत मजबूत स्तंभ ने इस्तीफा दे दिया, मुझे लगता है कि यह आने वाली श्रृंखला में सिर्फ एक है. कांग्रेस के लिए अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए यह बहुत कठिन समय होने जा रहा है.’
GN Azad reaffirmed all my grudges which I had explained when I left Congress. Not just today that a very strong pillar of Congress resigned,I think it’s just one in series of more to come. It’s going to be very tough time for Congress to safeguard its existence: Sunil Jakhar, BJP pic.twitter.com/C09G0DBPCx
— ANI (@ANI) August 26, 2022
बता दें गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के तुरंत बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री आरएस चिब ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
J&K | Senior Congress Leader & Former Minister RS Chib resigns from Primary membership of Congress soon after the resignation of Ghulam Nabi Azad pic.twitter.com/HPFgfb886W
— ANI (@ANI) August 26, 2022
गुलाम नबी आजाद से एक दिन पहले ही कांग्रेस के युवा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उनसे पहले आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश की संचालन समिति छोड़ दी थी. हालांकि, साल 2022 में कांग्रेस से हार्दिक पटेल, सुनील जाखड़ समेत कई बड़े नाम राहें अलग कर चुके हैं.