यूपी: सुर्खियों में है इस जिले का ‘कूड़ा बाजार’, बिकने वाला सामान होता है खास, गंगा की स्वच्छता से जुड़ा है अभियान
देश-प्रदेश में आपने ऐसे कई तरह के बाजार देखे होंगे जहां खरीदारी के लिए तमाम तरह के सामान उपलब्ध रहते हैं. लेकिन, क्या आपने ‘कूड़ा बाजार’ का नाम सुना है? नाम से ही जाहिर है कि इस बाजार में जरूर कूड़ा ही मिलता होगा और इसे खरीदता कौन होगा? मगर, आज हम आपको बताएंगे यूपी के वाराणसी में लगने वाले ‘कूड़ा बाजार’ के बारे में. इन दिनों काफी सुर्खियों में भी हैं ‘कूड़ा बाजार’, तो आइये जानते हैं इससे जुड़ी तमाम जानकारियों के विषय में.
बनारस के घाटों पर सजता है ये बाजार…
वाराणसी में लगने वाला ये अनोखा कूड़ा बाजार वहां के घाटों की सीढ़ियों पर सजता है. इसमें जो भी सामान बेचा जाता है वो इसलिए खास होता है क्योंकि, इसे गंगा नदी से निकलने वाले कूड़े और कचरे से तैयार किया जाता है. घाटों पर लगने वाले कूड़ा बाजार में घर के सजावटी सामान, पोस्टर-सीनरी एवं अन्य तरह की चीजें तैयार होती है.
गंगा की स्वच्छता के लिए बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के स्टूडेंट गौरव मिश्रा ने इस अभियान की शुरुआत की है.
6800 किलो प्लास्टिक को निकाला बाहर…
गौरव मिश्रा के मुताबिक, गंगा की स्वच्छता के अभियान के तहत अब तक करीब 6800 किलोग्राम प्लास्टिक और कूड़े को गंगा नदी से बाहर निकाला है. इसी प्लास्टिक, कूड़े और कचरे से मिली प्लास्टिक बोतल, कोल्ड ड्रिंक्स के ढक्कन, शीशे के बोतल एवं अन्य तमाम चीजों को एकत्रित करके घरेलू सजावटी सामान बनाना शुरू किया. प्लास्टिक, कूड़े और कचरे से प्लास्टिक ब्रिक्स, पेन स्टैंड, फ्लावर पॉट, घड़ी, टेबल क्लॉक, पेंटिंग, सीनरी, नाइट लैम्प सहित अन्य सजावटी समानों को तैयार करतें है.
इस अभियान जुड़े 1500 लोग…
गौरव मिश्रा के मुताबिक, गंगा की स्वच्छता के अभियान के अंतर्गत अभी तक करीब 1500 लोगों को जोड़ा गया है. प्रत्येक सप्ताह इस अभियान से करीब 50 से 60 लोग जुड़ते है, ये लोग गंगा को साफ और स्वच्छ करने में मदद करते हैं. गौरव के अनुसार, इस काम के जरिए गंगा को स्वच्छ रखते हैं और साथ ही अच्छी खासी कमाई भी कर लेते हैं.
इससे पहले सिर्फ गंगा की सफाई कर कूड़े को निकाल कर फेंक देते थे. लेकिन, फिर उस कूड़े और कचरे को दोबारा से इस्तेमाल करने का ये आइडिया लगाया, जोकि काफी ज्यादा सफल और कारगर साबित हुआ है. इस अभियान से बहुत लोग जुड़ भी रहें हैं.
इसके अलावा, एक अन्य स्टूडेंट तनिष्का ने बताया कि उनके द्वारा शीशे की बोतलों पर चित्रकारी की गई है और दफ्तियों पर तस्वीरें बनाई गई हैं. इन शीशों की बोतलों को रंग-बिरंगे कलर से रंगकर सजाया है और प्लास्टिक की बोतलों से बैठने वाले स्टूल तक बनाए है.