खत्म हुई चाचा-भतीजे की दुश्मनी, शिवपाल को मिलेगी ये जिम्मेदारी…
सालों से चल रही चाचा भतीजे के बीच की खाई अब भरती नजर आ रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल के बीच के रिश्तों की सच्चाई किसी से भी छिपी नहीं हैं। 2019 के लिए अखिलेश कोई कमी नही छोड़ना चाहते हैं। इसी के चलते सपा अध्यक्ष ने अभी से रणनीति तैयार कर ली है। इसके लिए वे अपने परिवार से ही शुरुआत कर रहे है और परिवार को एक करने में लग गए है।
अखिलेश परिवार को एक करके एक नयी रणनीति तैयार कर रहे हैं। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक पार्टी में शिवपाल यादव को अहम जिम्मेदारी देते हुए उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया जा सकता है। शिवपाल की नई जिम्मेदारी करीब-करीब तय कर ली गई है, जिसका जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान भी हो जाएगा।सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव से पहले परिवार को एकजुट करने के लिए अखिलेश ने नई योजना तैयार की है। इसी योजना के तहत शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी।
महासचिव बनाने की घोषणा कर दी जाएगी
जानकारी के मुताबिक, अखिलेश और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के बीच इसे लेकर सहमति बन चुकी है। सही मौका देखकर उनको पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाने की घोषणा कर दी जाएगी। बीजेपी के विजयी रथ को रोकने और लोकसभा चुनाव 2019 से पहले अखिलेश ने पहले विपक्षी पार्टियों को एकजुट किया और फिर परिवार को एकजुट करने का फैसला लिया।
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अखिलेश यादव भी अब समझ चुके हैं कि लोकसभा चुनाव में जीत के लिए परिवार में एकजुटता जरूरी है। यही वजह रही कि पिछले दिनों अखिलेश ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी के साथ रहने पर चाचा शिवपाल यादव की प्रशंसा भी की थी। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान चाचा-भतीजे की रार सामने आई थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सपा को मिली करारी हार का एक कारण शिवपाल का समाजवादी पार्टी से दूरी बनना भी माना जा रहा था।
मुलायम सिंह यादव के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की मांग छोड़ देंगे
इस नए फॉर्मूले के तहत शिवपाल यादव को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव का पद मिलेगा। इसके पद के मिलने के बाद ये अंदेशा जताया जा रहा है कि शिवपाल अपने भाई मुलायम सिंह यादव के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की मांग छोड़ देंगे। सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में कुछ नजदीकी नेताओं की मध्यस्थता से अखिलेश, शिवपाल और मुलायम के बीच लंबी बातचीत हुई, जिसके बाद ये फॉर्मूला बना।
आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में आगरा में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव के दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद ही शिवपाल को बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चा शुरू हुई थी। इसके बाद शिवपाल यादव और राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बीच पिछले दिनों दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद बात और आगे बढ़ी।
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