विश्व पटल पर अपनी चमक बिखेर रहे गंगा के घाट

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पर्यटन की दुनिया के नक्शे पर खास जगह रखने वाले बनारस में कल-कल बहती गंगा के सुरम्य तट पर सजे आकषर्क घाटों को यूनेक्स्कों ने विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में शामिल किया है. इस उपलब्धि को अविस्मरणीय बनाने के लिए यूपी टूरिज्म ने पोस्टर जारी किया है. इसमें गंगा के घाटों को दर्शाया गया है.

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सूची में कई देश के स्थानों को मिली जगह

इस सूची में पहले स्‍थान पर वाराणसी का गंगा घाट, दूसरे कांचीपुरम के मंदिर, तीसरे पर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, चौथे स्‍थान पर हीरे बेंकर महापाषाण स्‍थल, पांचवें पर मराठा सैन्‍य वास्‍तुकला और छठवें स्‍थान पर जबलपुर का भेड़ाघाट लमेटाघाट को शामिल किया गया है. बनारस की बात करें तो यूनेस्को ने क्रिएटिव सिटी के तहत 11 दिसंबर 2015 को वाराणसी को ‘सिटी ऑफ म्यूजिक’ के रूप में मान दिया है. उसकी वेबसाइट पर विशेष पेज भी तैयार किया गया है. संगीत जगत में बनारस घराना विश्व विख्यात है. इस विधा को जिंदा रखने वाली गुरु-शिष्य परम्परा बेहद समृद्धशाली है.

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सूची में सारनाथ को विशेष स्थान

गंगा घाटों और बाबा विश्वनाथ के मंदिर के साथ ही सारनाथ एेसी जगह है जहां बड़ी संख्या में देश-दुनिया के सैलानी पहुंचते हैं. पर्यटन विभाग के आंकड़ों की मानें तो बनारस आने वाला सैलानियों में लगभग 25 फीसद से ज्यादा सारनाथ पहुंचते हैं. सारनाथ स्थित पुरातात्विक खंडहर और अन्य संबंधित पुरावशेष दो दशक से यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में शामिल है. पिछले साल भी यूनेस्को के विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए भारतीय सर्वेक्षण विभाग की ओर से यूनेस्को को पुरातात्विक खंडहर परिसर में मिले पुरावशेषों का डोजियर बनाकर दिल्ली स्थित पुरातत्व विभाग मुख्यालय को भेजा गया है.

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