Ganga Saptami 2024: क्या है गंगा सप्तमी, जिस शुभ अवसर पर पीएम मोदी कर रहे नामांकन…
जानें पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि.....
Ganga Saptami 2024: यूं तो हर साल ही गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है, लेकिन इस साल अधिक चर्चा में इसलिए बना हुआ है क्योंकि, आज गंगा सप्तमी के शुभ अवसर पर पीएम मोदी तीसरी बार अपनी संसदीय क्षेत्र वाराणसी से अपना नामांकन दर्ज कर रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं, आखिर क्या होती है गंगा सप्तमी और इसदिन गंगा स्नान और पूजन का क्या मिलता है लाभ ?
गंगा सप्तमी का हिंदू धर्म में काफी महत्व माना जाता है, इस साल यह 14 मई को वैशाख मास की शुक्ल सप्तमी को पड़ी है. इसकी इतनी मान्यता होती है कि, इस दिन गंगा स्नान व दर्शन करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. वैशाख मास की शुक्ल सप्तमी को मध्याह्न काल में भगवान शिव की जटाओं से मां गंगा ने पृथ्वी की ओर अपनी यात्रा आरंभ की थी. इस दिन गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था.
पुराणों के अनुसार भगवान शंकर ने अपनी जटाओं से निकलने वाली गंगा को सात धाराओं में विभक्त किया था. तीन धाराएं नलिनी, हलादिनी व पावनी, पश्चिम में सीता, सुवक्षु व सिंध एवं सातवीं धारा भागीरथी है. कुर्म पुराण के अनुसार गंगा सबसे पहले सीता, अलकनंदा, सुचक्षु व भद्रा के रूप में चार धाराओं में बहती है. स्वर्ग में मंदाकिनी, धर पर गंगा के रूप में और पाताल में भोगवती के रूप में प्रवाहित हो रही है. माना जाता है कि गंगा सप्तमी को गंगा स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है.
गंगा सप्तमी पर गंगा स्नान से मिलता है मोक्ष
वैशाख शुक्ल सप्तमी पर पुष्य नक्षत्र के साथ गंगा सप्तमी मनाई जाएगी, जो रवियोग और सर्वार्थ सिद्धि योग के संयोग में मनाई जा रही है. इस दिन गंगा का स्मरण, दर्शन और स्नान करने से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान में वृद्धि होती है और सभी पापों का क्षय होता है. अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है और सकारात्मकता का वास होता है. पुष्य नक्षत्र गंगा सप्तमी पर दोपहर 3:01 बजे तक रहेगा, अश्लेषा नक्षत्र है. इसमें सर्वार्थ सिद्धि योग और रवियोग शामिल हैं. करण और गर भी बन रहे हैं. इन दोनों कारणों को ज्योतिष में शुभ माना जाता है. इस दिन दान-पुण्य व धार्मिक कार्य करने से जन्म-जन्मांतर तक लाभ मिलता है, पद्म पुराण कहता है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा की पूजा करने से मोक्ष मिलता है.
गंगा सप्तमी का शुभ मुहूर्त
14 मई यानी आज रात 2 बजकर 50 मिनट पर गंगा सप्तमी शुरू होगी और 15 मई यानी कल सुबह 4 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी. इस बार गंगा सप्तमी आज यानी 14 मई मनाई जा रही है. आज सुबह 10 बजे 56 मिनट से दोपहर 1 बजे 39 मिनट तक गंगा सप्तमी का पूजन मुहूर्त चलेगा.
गंगा सप्तमी का शुभ योग
गंगा सप्तमी पर पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी होने जा रहे हैं. 13 मई को सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर पुष्य नक्षत्र शुरू होगा और 14 मई को दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी. वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग इस दिन दोपहर १ बजे ५ मिनट पर शुरू होगा और १५ मई को सुबह ५ बजे ३० मिनट पर समाप्त होगा. रवि योग भी सुबह 5 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगा.
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गंगा सप्तमी की पूजन विधि
गंगा सप्तमी के दिन सुबह गंगा किनारे स्नान करें, यदि आप गंगा घाट नहीं जा सकते तो पानी की बाल्टी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें. अब मां गंगा की मूर्ति या चित्र को कलश पर रखें. कलश में रोली, चावल, गंगाजल, शहद, चीनी, इत्र, गाय का दूध और एक नारियल डालें. अशोक के कलावा और पांच पत्ते कलश के मुख पर डालें, इसके बाद मां गंगा को मिठाई, फल और फूल देकर आरती करें.