बनारस में घट रही गंगा, दुश्वारियां नहीं हो रही कम

गंगा के जलस्तर में गिरावट का दौर,दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर घट रहा है जिससे तटवर्ती इलाके में लोग थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं.

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गंगा के जलस्तर में गिरावट का दौर शुक्रवार को भी जारी है. दूसरी ओर तटवर्ती इलाकों में दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं. दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर घट रहा है जिससे तटवर्ती इलाके में लोग थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं. वैसे, प्रशासन जलस्तर पर नजर बनाए हुए हैं, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी है. गंगा के किनारे सभी घाट अभी भी डूबे हुए हैं.

वरुणा नदी अभी भी किए हुए है परेशान

दूसरी ओर बाढ़ के चलते आया पानी वरुणा नदी के किनारे वाले इलाकों में भरने के बाद उतर चुका है. यही नहीं गंगा में उफान का असर वरूणा नदी में देखा गया. पानी के उलट प्रवाह के चलते वरूणा का पानी तटवर्ती इलाकों में फैल गया. यह अपने पीछे गाद, कीचड़, सड़न, बदबू व बीमारियों के संवाहक मच्छरों की फौज छोड़ गया है. अभी तक क्षेत्रों में दवाओं का छिड़काव न होने से संक्रामक बीमारियां फैल सकती हैं. प्रशासन की ओर से बाढ़ चौकियां स्थापित की गई है. प्रभावित लोगों को फिलहाल इन्हीं चौकियों में रखा गया है. उन्हें भोजन-पानी समेत दैनिक उपयोग की जरूरी चीजें उपलब्ध कराई जा रही हैं.

अभी तीन मीटर गंगा जलस्तर है नीचे

वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का बिंदु 71.262 मीटर है. बताया गया कि इस समय जलस्तर चेतावनी बिंदु से लगभग तीन मीटर नीचे है. ऐसे में यदि पर्वतीय इलाकों में बारिश हुई और दोबारा पानी बढ़ा तो चेतावनी बिंदु को छू लेगी.

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ऐसे में प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. एनडीआरएफ, जलपुलिस निगरानी कर रही है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार की सुबह वाराणसी में गंगा का जलस्तर 67.04 मीटर रिकार्ड किया गया. दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर में गिरावट आ रही है.

सिल्ट हटाकर शुरू की गंगा आरती

हालांकि असि घाट पर सुबह-ए बनारस के मंच के पास से पानी हट गया है लेकिन मणिकर्णिका की छत व हरिश्चंद्र घाट की गली के मुहाने पर शव दाह हो रहा है. इसके अलावा गंगा आरती दशाश्वमेध घाट की छत पर ही हो रही है. पर्यटक घाट के ऊपर से ही गंगा को निहार कर लौट रहे हैं. दशाश्वमेध घाट पर कीचड़ होने से कांवरियों को स्नान में असुविधा हो रहा है.

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दूसरी ओर रविदास घाट, रीवा घाट, तुलसी घाट, गंगा महल, निषाद, शिवाला और केदार घाट पर भी कीचड़ छोड़ते हुए गंगा लौट रही हैं. वहीं अगर देखा जाए तो अस्सी घाट पर जय मां गंगा सेवा समिति द्वारा जमे सिल्ट को हटाया जा रहा है. जय मां गंगा सेवा समिति के श्रवण मिश्रा ने बताया कि पानी घटने के साथ ही यहां पर घाटों के सफाई प्रारंभ कर दी गई है और अब गंगा आरती भी सकुशल संपन्न कराई जा रही है. यहां पर लोगों की भीड़ भी आने लगी है गंगा आरती स्टार्ट होने के बाद लोग घाटों पर अब गंगा आरती देखने पहुंचने लगे हैं.

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