हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से अभी माघ का महीना चल रहा है और यह माह में कई व्रत और त्योहारों आते है, लेकिन यह माह गणेश के लिए महत्वपूर्ण है, दरअसल पार्वती नंदन गणेश का जन्म माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। जिसके वजह से हर साल माघ शुक्ल चतुर्थी या माघ विनायक चतुर्थी को गणेश जयंती मनाई जाती है। किन्तु इस साल की गणेश जयंती 24 जनवरी को है या फिर 25 जनवरी को? आइए जानते है इस बार कब है गणेश जयंती?
गणेश जयंती तारीख…
हिन्दू पांचांग या हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 जनवरी को दोपहर 3 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगी और 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी का व्रत 25 जनवरी 2023 को रखा जाएगा. बता दें कि हिंदू धर्म में कोई भी व्रत हमेशा उदयातिथि के अनुसार ही रखा जाता है.
गणेश जयंती 2023 पूजा शुभ मुहूर्त…
कहते हैं कि यदि शुभ मुहूर्त में पूजा की जाए तो वह अधिक फलदायी होती है. इसलिए 25 जनवरी को गणेश जयंती के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. यानि भक्तों के पास पूजा के लिए केवल एक घंटे का ही समय है. हालांकि, इस दिन तीन महत्वपूर्ण योग भी बन रहे हैं. सुबह परिघ योग शुरू होगा जो कि शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. इसके बाद शिव योग शुरू होगा और इस दिन सुबह 7 बजकर 13 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 5 मिनट तक रवि योग रहेगा.
गणेश जयंती पर बना है राज पंचक और रवि योग…
इस बार गणेश जयंती के अवसर पर राज पंचक लगा है। राज पंचक में धन, संपत्ति के कार्यो में सफलता प्राप्त होती होती है। राज पाचक शुभ फल प्रदान करता है और यह सोमवार से शुरू होता हैं, यह राज पंचक कहलाता है।
इस बार के गणेश जयति पर रवि योग बन रहा है. रवि योग अमंगल कार्यो को दूर कर शुभ फल प्रदान करता है। इस दिन सुबह 7 बजकर 13 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 5 मिनट तक रवि योग रहेगा. रवि योग और परिघ योग में गणेश जयंती की पूजा होगी.
गणेश जंयती को चांद को नहीं देखना चाहिए…
गणेश जयंती के दिन चांद को नहीं देखना चाहिए, कहते हैं भगवान कृष्णा ने भी एक बार चांद को देखा था और उन पर मणि चोरी करने का आरोप लगाया गया है। इसी कारण से शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को चांद को यही देखना चाहिए और सुबह में ही गणपति की पूजा कर लेते हैं.
गणेश चतुर्थी/गणेश जयंती में अंतर…
गणेश जयंती माघ के महीने में जबकि गणेश चतुर्थी भाद्रपद में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान् गणेश ने पृथ्वी पर कदम रखा था जबकि गणेश जयंती दिन माँ पार्वती के मैल से गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी विशेष रूप से महाराष्ट्र में मनाई जाती है लेकिन भारत के कई अन्य स्थानों पर भी बप्पा के पंडाल सजते हैं। इस दिन लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं