भविष्य को चमकाने के लिए ‘स्ट्रीट लाइट’ का सहारा
कहते हैं अगर दिल में कुछ करने का जज्बा हो तो कभी भी कोई मुश्किल आपको हरा नहीं सकती। आज के समय में शिक्षा ही एक ऐसी चीज है जो समाज के साथ आपको भी सफलता के रास्ते पर ले जाने में अहम भूमिका निभाती है। आज के समय में बिना के शिक्षा के कोई कोई वजूद नहीं है।
गांव की स्ट्रीट लाइट में बैठकर करते हैं पढ़ाई
शायद इसी महत्व को समझते हुए देवघर के मोहनपुर क्षेत्र के लेटवावरण गांव में एक परिवार के चार बच्चे स्ट्रीट लाइट में पढ़कर अपना भविष्य उज्ज्वल बनाने में लगे हुए हैं। जी हां सुनने में थोड़ा अटपटा जरुर लग रहा है लेकिन हकीकत यही है। हर मां-बाप अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहता है और सफलता के रास्ते पर बढ़ता हुआ देखना चाहता है।
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घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं
लेकिन यहां पर सरस्वती, यशोदा, लक्ष्मी और दीपक अपने घर की आर्थिक स्थिति को शायद जानते हैं और इसी वजह से अपने परिवार को गरीबी के अंधेरे से निकाल कर एक अच्छी जिंदगी देने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं। आपको बता दें कि उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से घर में रोशनी की व्यवस्था नहीं है।
बच्चों को डर न लगे इसलिए मां भी सात में बैठती है
इन बच्चों के साथ उनकी मां भी उनके साथ पूरे टाइम बैठती हैं जबतक बच्चे पढ़ते हैं। इन बच्चों के पिता कैलाश यादव मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। इनकी बड़ी बेटी सरस्वती एएस कॉलेज में पढ़ रही जबकि अन्य तीन बच्चे गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। आपको बता दें कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना सोलर लालटेन इनके घर तक पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ चुकी है और इन्हें उसका लाभ नहीं मिल पाया है।
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