लोकसभा चुनाव को लेकर सभी सियासी दल उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करने में जुटे हुए हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश की सबसे चर्चित लोकसभा सीट वाराणसी से एक पूर्व फौजी ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. बागपत के रहने वाले पूर्व जवान सुभाष कश्यप ने वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. इसके बाद सियासी गलियारों में उनको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.
बागपत से वाराणसी निकले पूर्व फौजी सुभाष कश्यप
सुभाष कश्यप ने वाराणसी रवाना होने से पहले बताया कि वह लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बागपत निर्वाचन आयोग से नो ऑब्जेक्शन फॉर्म लेकर वाराणसी जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह का प्रचार प्रसार कर रहे हैं और विकास कार्य गिना रहे हैं वह धरातल पर नहीं है. इस बार यदि बैलेट पेपर से चुनाव होता है तो नरेंद्र मोदी को वोट नहीं मिलेंगे. उन्होंने दावा किया कि इस बार चुनाव में जहां उन्हें अपने समाज का वोट वाराणसी से मिल रहा है, वहीं गरीब-मजदूर और किसानों का समर्थन भी उन्हें भरपूर मिल रहा है.
2019 में BSF के पूर्व जवान ने भरा था पर्चा
बता दें कि साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान बीएसफ से बर्खास्त किए गए जवान तेज बहादुर यादव को समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया था. तेज बहादुर यादव ने अपनी उम्मीदवारी का नामांकन भी दाखिल किया था, लेकिन निर्वाचन आयोग ने उनका नामांकन खारिज कर दिया था. तेज बहादुर यादव ने बीएसएफ जवानों को खराब खाना दिए जाने का आरोप लगाया था. जिसके बाद उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था.
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गौरतलब है कि वाराणसी में 1 जून को अंतिम चरण का मतदान होगा. इसको लेकर जिला प्रशासन अपनी तैयारियों को अंतिम रूप से देने में जुटा है. दूसरी ओर पूर्व फौजी की चुनाव की घोषणा के बाद सभी विभाग अलर्ट हो गए हैं. अब देखना यह होगा की लोकसभा चुनाव में पूर्व फौजी को काशीवासियों का कितना समर्थन मिलता है.