6 मार्च का इतिहास: भारत के पूर्व PM चंद्रशेखर ने दिया था इस्तीफा, जानें इतिहास की और घटनाएं

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छह मार्च का दिन देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के नाम के साथ जुड़ा है। उन्होंने 6 मार्च 1991 को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। चंद्रशेखर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अपने छात्र जीवन के दौरान ही समाजवादी आंदोलन में शामिल हो गए थे। वह 1977 से 1988 तक जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे थे।

एक किसान परिवार में थे जन्मे…

चंद्रशेखर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अपने छात्र जीवन के दौरान ही समाजवादी आंदोलन में शामिल हो गए थे। वह 1977 से 1988 तक जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे थे। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के इब्राहिमपट्टी गांव में एक किसान परिवार में जन्मे चंद्रशेखर ने दस नवंबर, 1990 से 21 जून, 1991 तक की अल्प अवधि के लिए प्रधानमंत्री पद संभाला। उन्होंने इस्तीफा तो दरअसल 6 मार्च 1991 को ही दे दिया था, लेकिन उन्हें अगली व्यवस्था होने तक इस पद पर बने रहने का दायित्व सौंपा गया था।

देश-दुनिया में हुई इन घटनाओं के लिए भी 6 मार्च को याद किया जाता है…

2016: 1981 से 1989 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे रोनाल्ड रीगन की पत्नी और अभिनेत्री नैन्सी रीगन का निधन हुआ। रोनाल्ड रीगन के राष्ट्रपति रहने के दौरान नैन्सी उनकी सबसे भरोसेमंद एडवाइजर थीं।

2009: 30 साल तक इंडियन एयरफोर्स को अपनी सेवाएं देने के बाद फाइटर प्लेन मिग-23 ने अंतिम उड़ान भरी।

2003: अल्जीरिया का एक विमान तामारासेट में दुर्घटनाग्रस्त, 102 से अधिक यात्री मारे गए।

1964: आज ही के दिन महान मुक्केबाज कैसियस मार्सेलस क्ले जूनियर ने अपना नाम बदलकर मोहम्मद अली कर लिया था। ये नाम उन्हें नेशन ऑफ इस्लाम के नेता एलिजा मोहम्मद ने दिया था।

1957: घाना प्रधानमंत्री क्वामे एन्क्रूमा के नेतृत्व में एक स्वतंत्र राष्ट्र बना।

1924: मिस्र की सरकार ने 14वीं शताब्दी में मिस्र के शासक रहे तूतनखामेन की ममी को खोला। जमीन में दबी इस ममी को ब्रिटेन के आर्कियोलॉजिस्ट हावर्ड कार्टर ने 1922 में ढूंढा था।

1915: शांति निकेतन में महात्मा गांधी और रबीन्द्रनाथ टैगोर पहली बार मिले। गांधी जी का ये शांति निकेतन का दूसरा दौरा था। पहली बार वो 17 फरवरी 1915 को यहां गए थे। तब उनकी टैगोर से मुलाकात नहीं हुई थी। 1915 से 1945 के बीच गांधी जी कुल 8 बार शांति निकेतन गए।

1775: रघुनाथ राव और अंग्रेजों के बीच सूरत की संधि पर हस्ताक्षर किए गए।

1508: मुगल शासक रहे हुमायूं का काबुल में जन्म हुआ।

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