पाक पूर्व PM इमरान खान को बड़ा झटका, EC ने घोषित किया अयोग्य, फायरिंग
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान के लिए जुमे (शुक्रवार) का दिन बेहद खराब साबित हुआ. 70 वर्षीय इमरान खान को चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित किया है. इस फैसले के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अध्यक्ष इमरान खान अब अगले 5 वर्ष तक संसद के सदस्य नहीं बन सकेंगे. इसके बाद चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर फायरिंग की भी घटना हुई है. बता दें चुनाव आयोग ने ये एक्शन तोशाखाना मामले में विदेशी नेताओं से इमरान को मिले उपहारों की बिक्री से आय छिपाने के मामले में लिया है.
Pakistan's election commission disqualified former Prime Minister Imran Khan from holding public office over charges of unlawfully selling state gifts received from heads of other nations & foreign dignitaries: Reuters reported citing local media pic.twitter.com/6zIUQYggjX
— ANI (@ANI) October 21, 2022
सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार के सांसदों ने अगस्त में पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) में इमरान खान के खिलाफ एक मामला दायर किया था, जिसमें उन्होंने उपहारों की बिक्री से आय का खुलासा करने में विफल रहने के लिए उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की थी. ईसीपी ने 19 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली ईसीपी की 4 सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि इमरान खान भ्रष्ट आचरण में शामिल थे और उन्हें संसद के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया जाता है.
ईसीपी ने यह भी घोषणा की कि इमरान खान के खिलाफ भ्रष्ट आचरण कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी. उनकी पार्टी के महासचिव असद उमर ने बताया कि इस फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी. पीटीआई के एक अन्य नेता फवाद चौधरी ने फैसले को खारिज कर दिया और खान के समर्थकों से विरोध प्रदर्शन करने को कहा.
जानें पूरा मामला…
दरअसल वर्ष, 2018 में इमरान खान की सत्ता आई थी तो आधिकारिक यात्राओं के दौरान अमीर अरब शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे, जो तोशाखाना (सरकारी खजाने) में जमा किए गए थे. बाद में उन्होंने उसे रियायती मूल्य पर खरीदा और भारी मुनाफे पर बेच दिया. इन उपहारों में एक ग्रेफ कलाई घड़ी, कफ़लिंक की एक जोड़ी, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और 4 रोलेक्स घड़ियां शामिल थीं. इमरान खान के विरोधियों के अनुसार, वो आयकर रिटर्न में बिक्री दिखाने में विफल रहे, जिसकी वजह से वह उत्तरदायी हो गए. ईसीपी में दायर मामला संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत दर्ज किया गया था, जिसमें उनकी अयोग्यता की मांग की गई थी.
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