एमपी के पूर्व मंत्री ने पानी जलसंकट को लेकर छोड़ी चप्पल
पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने लिया संकल्प
मध्यप्रदेश में कमल नाथ की सरकार गिराने वालों में से एक पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एक बार फिर चर्चाओं में हैं। इस बार उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र की पानी की समस्या के निपटारे की मांग को लेकर चप्पल पहनना छोड़ दिया है।
पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने लिया संकल्प
उन्होंने संकल्प लिया है कि जलसंकट का समाधान होने तक कड़ी धूप में भी नंगे पैर ही सड़क पर चलेंगे। तोमर की गिनती पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबियों में होती है। वे ग्वालियर से विधायक रहे हैं। कमल नाथ सरकार में मंत्री भी थे। सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद जिन 22 तत्कालीन विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा था, उनमें एक तोमर भी थे।
तोमर अपनी विधानसभा क्षेत्र की पेयजल संबंधी समस्या के निराकरण के लिए लगातार प्रयासरत हैं, मगर समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने संकल्प लिया है कि जब तक पानी की समस्या का निदान नहीं हो जाता, नंगे पैर ही चलेंगे, चप्पल नहीं पहनेंगे।
तंज कस रहे हैं प्रद्युम्न सिंह तोमर के विरोधी
वहीं, उनके विरोधी उन पर यह कहकर तंज कस रहे हैं कि तोमर ने मंत्री पद पाने के लिए चप्पल-त्याग किया है। विरोधियों का तर्क है कि तोमर ने चर्चा में बने रहने और मुख्यमंत्री का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए ऐसा किया है। जबकि तोमर का कहना है कि उन्होंने यह कदम क्षेत्र की जनता के लिए उठाया है।
तोमर लगातार चर्चाओं में रहते आए हैं। पिछले दिनों उन्होंने ग्वालियर में नाले में उतरकर सफाई की थी और उसके बाद भोपाल स्थित अपने आवास के पार्क में झाडू लगाई थी। इतना ही नहीं, मास्क न लगाने को लेकर जब उनके बेटे का एक पुलिसकर्मी से विवाद हुआ तो खुद बेटे को लेकर पुलिस के सामने पहुंच गए और बेटे से सार्वजनिक तौर पर माफी भी मंगवाई थी।
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