झारखंड पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, 5 महीने बाद जेल से रिहा…
जमीन घोटाले मामले में जेल में निरुद्ध झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पांच महीने बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया है. हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है. आपको बता दें कि बीते 13 जून को मामले की सुनवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने बचाव पक्ष की ओर से सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
हेमंत सोरेन ने एक महीने पहले अपना नया रूप दिखाया था. दरअसल, हेमंत सोरेन ने अपने बड़े चाचा राजा राम सोरेन के नेमरा में दशकर्म का श्राद्ध कार्यक्रम था. इस इस श्राद्ध कार्यक्रम में भाग लेने के लिए हेमंत सोरेन अपने घर से पुलिस कस्टडी में आए थे. इस दौरान वे अपने पिता शिबू सोरेन की तरह बढ़ी हुई दाढ़ी में नए रूप के साथ नजर आए थे. इसके साथ ही उन्होंने कपड़े भी अपने पिता की तरह ही पहन रखे थे.
किस मामले में हुई थी गिरफ्तारी ?
दरअसल, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अवैध रूप से 31 करोड़ रुपये से अधिक की 8.86 एकड़ जमीन खरीदने का आरोप लगाया गया है. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को ईडी ने भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया था. उसके बाद से वह रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में बंद थे.
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ईडी ने कुर्क की इतनी संपत्ति
जमीन घोटाले मामले में ईडी ने 191 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें हेमंत सोरेन, राजकुमार पाहन, हिलारियास कच्छप, भानु प्रताप प्रसाद और विनोद सिंह को आरोपित बनाया गया था. इसके बाद ईडी ने 30 मार्च को उस जमीन को भी कुर्क कर लिया था और जिसकी कीमत 31.07 करोड़ रूपए से भी कहीं अधिक थी.
वहीं साल 2022 में रक्षा मंत्रालय की 4.55 एकड़ जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच करते समय केंद्रीय एजेंसी को इस भूमि घोटाले की जानकारी हुई थी. ईडी ने जांच में पाया कि, पूर्व डीसी रांची छवि रंजन और झारखंड सरकार के राजस्व विभाग के उप-निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद सहित सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से कुछ निजी व्यक्तियों के एक समूह ने 8.86 एकड़ जमीन हड़प ली थी.