बांग्लादेश में हालात बिगड़ने के पीछे ‘विदेशी एंगल’?, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट…
भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश हिंसा की आग में जल रहा है. हिंसक प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने पद से इस्तीफ़ा दे दिया और सेना के हेलीकाप्टर से भारत आ गई. इस समय शेख हसीना दिल्ली के सटे जनपद गाजियाबाद के हिडेन एयरपोर्ट के गेस्ट हाउस में सुरक्षित हैं. कहा जा रहा है कि शेख हसीना को अपने देश में काफी समय से विपक्षी पार्टियों और प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा था. इतना ही नहीं हसीना सरकार के लिए सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा था.
बांग्लादेश में जारी हिंसा पर भारत की पूर्व उच्चायुक्त वीणा सीकरी का बयान…
बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच भारत की पूर्व उच्चायुक्त वीणा सीकरी ने कहा कि शेख हसीना को चीन में उचित सम्मान नहीं दिया गया. शी जिनपिंग के साथ वह जो बैठक चाहती थीं वो भी नहीं हो पाई.
उन्होंने कहा कि आखिर ऐसा क्या मामला था जिसके चलते बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की बातचीत शी जिनपिंग के साथ नहीं हो पाई और सरकार ने आखिर ऐसा उनके साथ क्यों किया. कुछ समय पहले तक तो चीन बांग्लादेश के साथ काफी दोस्ताना दिखा रहा था और बयान भी दे रहा था.
बांग्लादेश हिंसा में विदेशी ताकतें ?…
बांग्लादेश में मची इस उथल-पुथल को लेकर अब यह सवाल उठाने लगा है कि क्या ये पूरा घटनाक्रम महज़ आरक्षण को लेकर प्रदर्शन पर टिका था या इसके पीछे कई और कारण शामिल थे.
सोशल मीडिया पर कई लोग इस बारे में दावा करते हुए सवाल उठा रहे हैं कि बांग्लादेश में जो हुआ, उसके पीछे विदेशी ताकतें हो सकती हैं.
इतना ही नहीं बांग्लादेश में भारत के पूर्व उच्चायुक्त हर्ष ऋंगला ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहते हैं, ”आप उन विदेशी ताकतों के शामिल होने की बात से इनकार नहीं कर सकते हैं, जो बांग्लादेश के हितों से और साफ़ तौर से हमारी सुरक्षा हितों के भी ख़िलाफ़ हैं.”
अर्थव्यवस्था भी है कारण…
बता दें कि हर्ष ऋंगला इस पूरे घटनाक्रम के पीछे आर्थिक कारणों को भी ज़िम्मेदार मानते हैं. उनका कहना है कि कोरोना महामारी के बाद जिस तरह से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचा, उसके बाद यूक्रेन संकट की वजह से ज़रूरी चीज़ों के दाम में और इज़ाफ़ा हो गया. इससे ईंधन, भोजन, खाद और वो सभी चीज़ें जो बांग्लादेश आयात करता है उसकी कीमतें बढ़ गईं.
ऋंगला का मानना है कि इन वजहों से भी ऐसी स्थिति पैदा हुई कि बांग्लादेश के लोग ख़ासकर युवा सड़कों पर उतर गए.
हिंसा में ISI का हाथ…
बता दें कि, इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने कहा कि ISI का मकसद विरोध प्रदर्शन के जरिए शेख हसीना सरकार को अस्थिर करना और बीएनपी को फिर सत्ता में लाना है. घटनाक्रम पर नजर रखने वाले लोगों ने कहा कि हसीना सरकार को कमजोर करने में ISI की भूमिका कोई नई बात नहीं है. लेकिन अब तक नौकरियों में कोटा के खिलाफ शुरू हुआ छात्र विरोध विपक्षी दलों के शामिल होने से एक राजनीतिक आंदोलन में बदल गया है जिसके चलते अब बांग्लादेश में हिंसा फ़ैल गई है.