वो पांच कारण जिनकी वजह से ”लापता लेडीज” ने ऑस्कर में बनाई जगह…

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ऑस्कर हर फिल्म मेकर्स, अभिनेता और फिल्म से जुड़े सभी शख्स का सपना होता है, यहां तक कि इसके नॉमिनेट होना भी किसी बड़ी जीत से कम नहीं होता है. वहीं अगर किस्मत साथ दे और यह अवार्ड हासिल हो जाए तो सम्मान, गर्व दोनों की ही बात होती है. आप सोच रहे होंगे अचानक से हम इस बात का जिक्र क्यों कर रहे हैं तो आपको बता दें कि, ऑस्कर 2025 के लिए भारत की आधिकारिक एंट्री की घोषणा कर दी गयी है. यह ऐलान ‘द फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया’ के सदस्यों द्वारा किया गया है. जिसमें आमिर खान प्रोडक्शन और किरण राव के निर्देशन में बनी फिल्म लापता लेडीज ने जगह बनाई है और इसके साथ ही वह 2025 ऑस्कर की दौड़ में निकल गयी है.

सोमवार को फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) ने ‘लापता लेडीज’ को वर्ष 2025 के लिए ऑस्कर का नाम देने की घोषणा की. इस दौरान बताया गया कि रेस में ‘लापता लेडीज’ के अलावा तंगलान, वाज़हाई, उल्लोझुक्कू और श्रीकांत सबसे आगे थे. किरण राव की फिल्म का नाम आखिरकार फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रवि कोट्टाराकारा ने घोषित किया. फेडरेशन जूरी के अध्यक्ष जाह्नु बरुआ थे.

इन फिल्मों को पछाड़ कर ऑस्कर रेस में हुई शामिल

‘द फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया’ के पास भारत की 29 फिल्मों को ऑस्कर में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. जिसमें रणबीर कपूर की ‘एनिमल’, कार्तिक आर्यन की ‘चंदू चैंपियन’, प्रभास की ‘कल्कि 2898 एडी’, मलयालम फिल्म ‘आतम’, राजकुमार राव की ‘श्रीकांत’, ‘हनुमान’, ‘सैम बहादुर’, ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’, ‘गुड लक’, ‘घराट गणपति’, ‘मैदान’, ‘जोरम’, ‘कोट्टुकाली ‘जामा’, ‘आर्टिकल 370’, ‘आट्टम’, ‘आडुजीविथम’ और ‘ऑल वी इमेजिन इज लाइट’ और लापता लेडीज को शामिल किया था. जिसमें से ‘लापता लेडीज’ को चुना गया है.

क्या है फिल्म की कहानी ?

‘लापता लेडीज’ कॉमेडी ड्रामा फिल्म है. यह उन दो महिलाओं की कहानी है, जो शादी के बाद लापता हो जाती हैं. इस फिल्म की कहानी सूरजमुखी गांव में रहने वाले दीपक (स्पर्श श्रीवास्तव) से शुरू होती है, जो अपनी नई ब्याही पत्नी फूल (नितांशी गोयल) को उसके गांव से विदाकर पहली बार ससुराल ले जा रहा होता है, लेकिन गलती से फूल ट्रेन में छूट जाती है और दीपक गलती से किसी और महिला (प्रतिभा रांटा) को लेकर आ जाता है.

इसके बाद इनकी जिंदगी में कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिसे देख दर्शकों की हंसी छूटती है, मगर किरदार के होश उड़ जाते हैं. फिल्म की असल कहानी जिसमें ड्रामा, कॉमेडी, इमोशन, सस्पेंस और सोशल मैसेज भी छिपा रहता है. लेकिन आप कहेंगे यह चीजें तो कई सारी फिल्मों में देखने को मिलती है लेकिन इसमें ऐसा क्या खास था जो ऑस्कर के लिए जगह बना गयी है तो, आइए जानते हैं वो पांच कारण…

1. कहानी का अनोखा नजरिया

फिल्म “लापता लेडीज” की कहानी महिलाओं की गुमशुदगी के इर्द-गिर्द घूमती है. यह कहानी एक पुलिस जांच की पृष्ठभूमि में बुनती है, जहां कुछ महिलाएं अचानक गायब हो जाती हैं. फिल्म में इस गुमशुदगी के कारणों की पड़ताल की जाती है, जिससे यह दर्शाया जाता है कि समाज में महिलाओं की स्थिति कितनी जटिल हो सकती है. कहानी में रहस्य और रोमांच का भी समावेश है, जो दर्शकों को बांधे रखता है.

2. कॉमेडी और ड्रामा का संगम

इस फिल्म में गंभीर मुद्दों को हल्के-फुल्के अंदाज में पेश किया गया है. यह एक ऐसी कहानी है जो हंसी और आंसुओं का मिश्रण प्रदान करती है. कॉमेडी के तत्वों का उपयोग करके, फिल्म दर्शकों को सोचने के लिए मजबूर करती है, साथ ही मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखा गया है. यह टोन एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है, जिससे दर्शक न केवल खुश होते हैं बल्कि विषय के प्रति जागरूक भी होते हैं.

3. मजबूत कास्ट

फिल्म की कास्ट में कई अनुभवी और प्रतिभाशाली कलाकार शामिल हैं, जो अपने-अपने किरदारों में जान डालते हैं. उनके अभिनय में गहराई है, जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ता है. यह कास्ट फिल्म के संदेश को और भी प्रभावी बनाती है, क्योंकि उनके किरदारों के माध्यम से वे समाज में मौजूद विभिन्न समस्याओं को उजागर करते हैं.

4. सामाजिक संदेश

“लापता लेडीज” महिलाओं के अधिकारों और उनकी स्थिति पर गहरा प्रकाश डालती है. फिल्म उन चुनौतियों को उजागर करती है जिनका सामना महिलाएं करती हैं, जैसे सुरक्षा, स्वायत्तता और सामाजिक पूर्वाग्रह यह एक प्रेरणादायक संदेश देती है कि हमें महिलाओं के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए और उनके अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए. यह फिल्म दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है कि समाज में समानता और सुरक्षा के लिए हमें क्या कदम उठाने चाहिए.

5. संवेदनशीलता

फिल्म में संवेदनशील मुद्दों को बारीकी से पेश किया गया है, जैसे परिवार, दोस्ती और सामाजिक न्याय निर्देशक ने इन मुद्दों को समझदारी और संवेदनशीलता से चित्रित किया है, जिससे दर्शकों को वास्तविकता का एहसास होता है. यह दर्शाता है कि केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर विचार करने की भी आवश्यकता है. फिल्म अंत में एक सकारात्मक नोट पर खत्म होती है, जो दर्शकों को प्रेरित करती है. इन सभी तत्वों के साथ, “लापता लेडीज” एक ऐसी फिल्म है जो न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि समाज में महत्वपूर्ण सवाल भी उठाती है.

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