कुंभ के ‘लोगो’ में धर्म-अध्यात्म का संगम
पहली बार कुंभ के रूप में आयोजित हो रहा अर्धकुंभ के ‘लोगो’ (प्रतीक चिह्न्) में इस धार्मिक मेले का संपूर्ण वैभव नजर आएगा। इसमें धर्म और अध्यात्म का संगम होने के साथ मेले की प्राचीनता और महात्म्य को भी समेटने की कोशिश की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाईक ने मंगलवार को इसे राजभवन में जारी किया।
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उनके साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना और पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी भी मौजूद रहीं। राज्य सरकार ने 2019 के अर्धकुंभ को कुंभ की संज्ञा दी है और उसके बाद आने वाले कुंभ को महाकुंभ कहा जाएगा। इसे देखते हुए ही कुंभ के लोगो को पिछले अन्य प्रतीक चिह्नें से विशिष्ट बनाने का प्रयास किया गया है। इसमें मेले की विराटता के साथ ही गंगा-यमुना का मिलन दर्शाते हुए संस्कृतियों का संगम दर्शाया गया है। साथ ही संगम तट पर उमड़ने वाली करोड़ों लोगों की भीड़ भी प्रतीक रूप में है।
दस्तावेजों व अन्य वस्तुओं में अनिवार्य रूप से नजर आएगा
भरद्वाज मुनि बस¨ह प्रयागा’ को केंद्र में रखते हुए मुनियों को भी आराधना एवं शंखनाद करते हुए इस लोगों में दर्शाया गया है। ‘माघ मकरगति रवि जब होई, तीरथपति¨ह आव सब कोई’ के आधार पर लोगो का बैक ग्राउंड सूर्य की प्रारंभिक किरणों जैसी लालिमा लिए हुए है। लोगो का सूक्ति वाक्य-‘सर्वसिद्धिप्रद: कुंभ:’ है। कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश अवस्थी ने बताया कि यह लोगो कुंभ से जुड़े सभी सरकारी दस्तावेजों व अन्य वस्तुओं में अनिवार्य रूप से नजर आएगा।
सांस्कृति विरासतों और प्रसिद्ध उत्पादों का भी जिक्र होगा
यात्र को आसान बनाएगा ‘वन स्टाप ट्रैवेल साल्यूशन पोर्टल’: इस मौके पर ‘वन स्टाप ट्रैवेल साल्यूशन पोर्टल’ के हंिदूी और अंग्रेजी ‘वर्जन’ का लोकार्पण हुआ। पोर्टल पर जाकर पर्यटक अपनी पूरी यात्र का नियोजन करने के साथ अपने अनुभवों को भी साझा कर सकेंगे। इसके ‘टैग लाइन’ में प्रदेश के धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृति विरासतों और प्रसिद्ध उत्पादों का भी जिक्र होगा।
(साभार- दैनिक जागरण)