साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून, गुरुवार को लग रहा है. सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो हर साल होती है. इस बार का यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. हिन्दू मान्यता में सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व बताया गया है. पंचाग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में सूर्य ग्रहण लग रहा है. इसी दिन वट सावित्री व्रत भी है.
कब दिखेगा रिंग ऑफ फायर
भारत में सूर्य ग्रहण सुबह 11 बजकर 42 मिनट पर आंशिक होगा. यह दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर वलयाकर रूप में होगा. इसके बाद शाम को करीब 04 बजकर 52 मिनट पर आग की अंगूठी (रिंग ऑफ फायर) समान दिखाई देगा. इस घटना को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं. यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार, शाम करीब 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा.
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कैसे लगता है सूर्य ग्रहण
जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य कुछ समय के लिए ढक जाता है, इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. वैकानिक दृष्टिकोण से देंखें तो पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्रमा पृथ्वी की. परिक्रमा के दौरान चंद्रमा, सूरज और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं. चाँद, सूरज और धरती के बीच आ जाता है. जिससे वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है जिससे धरती पर अंधेरे की स्थिति बन जाती है. इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. यह घटना हमेशा अमावस्या को ही होती है.
भारत में कुछ स्थानों पर ही दिखेगा
इस सूर्य ग्रहण को भारत के केवल कुछ हिस्सों में ही देखा जा सकेगा. वैज्ञानिकों के अनुसार साल का पहला सूर्यग्रहण अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में देखा जा सकेगा. अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के पास से शाम करीब 5 बजकर 52 मिनट पर देखा जा सकेगा. वहीं लद्दाख के उत्तरी हिस्से में सूर्य ग्रहण शाम 06 बजे देखा जा सकेगा. यहां सूर्यास्त शाम को करीब 06 बजकर 15 मिनट पर होगा. भारत के अलावा यह सूर्य ग्रहण अमेरिका, यूरोप और एशिया के बड़े क्षेत्र में देखा जा सकेगा.
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