बजट 2018 : स्टैंडर्ड डिडक्शन की फिर से शुरुआत, वरिष्ठ नागरिकों को राहत

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इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद पाले सैलरीड और मध्य वर्ग के लोगों को इस बजट से कुछ खास नहीं मिल पाया। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने सैलरीड क्लास के मौजूदा टैक्सेबल इनकम में से 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन कर दिया। यानी जितनी सैलरी पर टैक्स बनेगा, उसमें से 40 हजार घटाकर टैक्स देना होगा। इसका 2.5 करोड़ सैलरीड और पेंशनर्स को लाभ मिलेगा।

स्टैंडर्ड डिडक्शन की फिर से शुरुआत

वेतनभोगियों को स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा दो प्रकार से होगा। पहला- इनकम टैक्स की देनदारी कम होगी और दूसरा- उन्हें कागजी-कार्रवाई भी कम करनी होगी। 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के लिए खर्च या निवेश का कोई हिसाब-किताब नहीं मांगा जाएगा। अब एंप्लॉयर टीडीएस के आकलन करते वक्त ही 40,000 रुपये की कटौती कर सकता है।

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हालांकि, वित्त वर्ष 2005-06 तक स्टैंडर्ड डिडक्शन की सुविधा मिली हुई थी जिसे बाद में वापस ले लिया गया। सीनियर सिटिजन्स को अब जमा रकम से मिले 50 हजार रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री कर दिया गया है। पहले यह सीमा 10,000 रुपये की थी। वहीं, सेक्शन 80D के तहत वरिष्ठ नागरिकों को हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम और जनरल मेडिकल एक्सपेंडिचर पर टैक्स छूट की सीमा 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई है।

बजट में वरिष्ठ नागरिकों को मिली राहत…

-बैंकों और डाकघरों में जमाराशियों पर ब्याज से हुई आमदनी पर छूट 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की जाएगी।
-धारा 194ए के तहत टीडीएस काटने की आवश्यक्ता नहीं रह गई। सभी FDs और RDs से मिले ब्याज पर भी इसका लाभ मिलेगा।

-धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम और/या इलाज पर खर्च के लिए टैक्स डिडक्शन की सीमा 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की गई।
-धारा 80डीडीबी के तहत कुछ विशेष गंभीर बीमारियों पर इलाज पर खर्च के लिए कटौती सीमा 60,000 रुपये (60 से 80 वर्ष की उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) और 80,000 रुपये (80 वर्ष से अधिक उम्र के अति-वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) से बढ़ाकर सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपये कर दी गई है।
-प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की अवधि मार्च 2020 तक बढ़ाने का प्रस्ताव। मौजूदा निवेश सीमा को प्रति वरिष्ठ नागरिक के लिए 7.5 लाख रुपये की मौजूदा सीमा से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने का प्रस्ताव।

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