पीटपीटकर बांग्लादेश में मारे गए फिल्म प्रोड्यूसर सलीम खान और उनका बेटा….
बांग्लादेश इन हिंसा की आग में जल रहा है. सैकड़ों की संख्या में बड़े और बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं. ऐसे में बांग्लादेश से एक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसका शिकार बांग्लादेश के फिल्म प्रोड्यूसर सलीम खान और उनका बेटा शांतो खान हुए हैं. बता दें कि सलीम खान फिल्म प्रोड्यूसर होने के साथ – साथ बांग्लादेश के चांदपुर उपजिले में लक्ष्मीपुर मॉडल यूनियन परिषद के अध्यक्ष थे.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते सोमवार को यानी 5 अगस्त को सलीम खान अपने बेटे शांतो के साथ घर से भागने का प्रयास कर रहे थे. उसी दौरान फरक्काबाद बाजार में बलिया यूनियन के पास उनका सामना हिंसक प्रदर्शनकारियों से हो गया. जिसमें उन्होंने प्रदर्शनकारियों से खुद को बचाने का प्रयास किया, जिसमें वे सफल हुए और आगे बढ़ गए. ऐसे में आगे चलते ही उनका सामना एक बार फिर बगरा बाजार के पास प्रदर्शनकारियों से हुआ, लेकिन प्रयास करने के बाद भी इस भीड़ से वो खुद को और अपने बेटे को बचा नहीं पाए और भीड़ ने दोनों को पीट-पीटकर मार डाला.
भारतीय बंगाली फिल्मों से था संबंध
सलीम खान ने बंगाली फिल्म इंडस्ट्री और टॉलीवुड में भी काम किया था. उन्हें टॉलीवुड के महान फिल्मकारों में से एक देव के साथ एक फिल्म बनाई थी “कमांडो” ,जो कभी रिलीज नहीं हो पाई. वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि, सलीम की लगभग दस फिल्में बड़े टॉलीवुड स्टार्स के साथ प्रोडक्शन के अलग-अलग स्टेज पर थीं. सोमवार को सलीम ने टॉलीवुड से जुड़े एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर अरिंदम से मुलाकात की थी. सलीम ने बांग्लादेशी फिल्म ‘Tungiparar Miya Bhai’ को निर्देशित किया, जो बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की जीवनी से प्रेरित थी.
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भ्रष्टाचार के आरोपी थे सलीम
सलीम पर कई सालों से पद्मा-मेघना नदी से रेत का अवैध उत्खनन करने का आरोप लगा था. माना जाता है कि, उन्होंने अवैध व्यापार से बड़ी रकम कमाई थी. हालांकि, उनके खिलाफ एंटी-करप्शन कमीशन (ACC) में केस चल रहा था और वे जेल भी भेजे गए थे. चांदपुर सदर मॉडल पुलिस के ऑफिसर-इन-चार्ज मोहम्मद शेख मोहसिन आलम ने कहा, ‘हमें उन दोनों की मौत के बारे में पता चला, लेकिन किसी ने हमें जानकारी नहीं दी है. हम अपनी सुरक्षा के लिए वहां नहीं गए.’