क्यों नहीं है देश को पत्थरबाजों के भविष्य की चिंता : फारूख अब्दुल्ला

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नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला आए दिन कश्मीर के पत्थरबाजों का सपोर्ट करते हुए नजर आते हैं। इस बार फिर से फारूख ने पत्थरबाजों की वकालत करते हुए उनका पक्ष लिया। बता दें कि कश्मीर में आए दिन जवानों पर पत्थर बरसाए जाते हैं। इन पत्थरबाजों को कोई तो है जो पाल रहा है। फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि देश क्या इनके बारे में सोचता है या इनके भविष्य को लेकर चिंतित है।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कई पत्थरबाज ऐसे भी हो सकते हैं जिन्हें सरकार पैसे देती हो। बता दें कि कश्मीर में पत्थरबाजी बिजनेस बन गई है, जिसे लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। केंद्र सरकार इस पर लगाम लगाने की स्ट्रैटजी तैयार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फारूख अब्दुल्ला गुरुवार को बैसाखी पर एक प्रोग्राम में शामिल होने पहुंचे थे।

वहां जर्नलिस्ट्स ने पत्थरबाजों को उनके सपोर्ट और चुनाव में वोट हासिल करने के लिए नरम अलगाववाद के उनके प्रचार पर सवाल किए। पूर्व सीएम फारूख से जब कहा गया कि क्या वे पत्थरबाजों का सपोर्ट करके देश के संवेदनाओं से खिलवाड़ नहीं कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, “देश के सेंटिमेंट्स से आपका क्या मतलब है?

आपको को यह देखना होगा कि क्या लड़कों की कुछ शिकायतें हैं? क्या आपको नहीं लगता कि उन्हें कुछ शिकायतें हैं? आप सिर्फ देश के बारे में सोचते हैं, क्या देश को पत्थरबाजों और उनके भविष्य की चिंता है? बता दें कि इससे पहले कई बार पारूख अब्दुल्ला ऐसे बयान देकर पत्थरबाजों का सपोर्ट करते रहे हैं।

5 अप्रैल को भी पत्थरबाजों का सपोर्ट किया था। उन्होंने कहा था, वे (पत्थर फेंकने वाले) भूखों मरेंगे, लेकिन अपने वतन के लिए पत्थर फेंकेंगे, वे कश्मीर मुद्दे के हल के लिए अपनी जान दे रहे हैं, हमें इसे समझने की जरूरत है।

कौन हैं कश्मीर के पत्थरबाज?

कश्मीर का पत्थरबाज यहीं का यूथ है। इन्हें तैयार करने में आतंकवादियों और अलगाववादी नेताओं का हाथ है। सिक्युरिटी फोर्सेज, कश्मीर पुलिस, सरकारी गाड़ियों पर पथराव के लिए इंटरनेट की मदद से यूथ को हायर किया जाता है। इन्हें इस काम के लिए 5 से 7 हजार रुपए महीना सैलरी, कपड़ा और खाना भी दिया जाता है। 12 साल के बच्चे को 4 हजार रुपए तक मिल जाते हैं।

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