प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आगमन के दौरान मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना से लेकर काशी द्वार, वैदिक सिटी, स्पोर्ट सिटी, वर्ल्ड सिटी आदि योजनाओं से प्रभावित किसानों के प्रति प्रधानमंत्री द्वारा किसी प्रकार प्रतिक्रिया न देने से किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी मर्माहत हुए. इस मामले को लेकर शुक्रवार की शाम मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के संयोजक विनय शंकर राय के नेतृत्व में बैरवन गांव में ट्रांसपोर्ट नगर योजना के प्रभावित किसानों की बैठक हुई.
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इसमें किसानों ने रविवार को काला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया और कहाकि 25 फरवरी को जीटी रोड के किनारे बैरवन स्थित पंचायत भवन पर किसानों की एक महापंचायत होगी. इसमें बनारस के सभी योजनाओं से प्रभावित किसान भी शामिल होंगे. इस महापंचायत को सफल बनाने और अपनी आवाज सत्ता तक पहुंचाने के लिए गांव-गांव घूमकर लोगों से जनसम्पर्क की अपील की गई.
लम्बे समय से जमीन के लिए लड़ रहे हैं किसान
गौरतलब है कि लम्बे समय से मोहनसराय, बैरवन समेत आसपास के ग्रामीण अपनी जमीन बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. दर्जनों बार विरोध प्रदर्शन,लाठीचार्ज, वार्ता के लिए अफसरों से कई दौर की बैठकें हुई लेकिन ठोस नतीजा नही निकल सका. पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रधानमंत्री के काशी आगमन को देखते हुए किसानों ने उनसे मिलने का समय मांगा था. लेकिन दोनों ही जगह से उन्हें निराश होना पड़ा.
बैठक में मुख्य रूप से कृष्णा पटेल उर्फ छेदी बाबा, प्रेमशाह, विजय गुप्ता, डॉ .विजय नारायण वर्मा, हृदय नारायण उपाध्याय, उदय प्रताप पटेल, दिनेश तिवारी, विजय वर्मा, अवधेश प्रताप, चंदन पटेल, दिनेश पटेल, रमेश, मदन, उमाशंकर पटेल, राम नारायण, सुरेश पटेल, बलराम पटेल, प्रेम पटेल, रवि पटेल, हनुमान पटेल, शुभम आदि किसान रहे.