चंदौली : प्रशासन नहीं सुन रहा बेबस किसानों की आवाज
भारत को गावों का देश कहा जाता है और देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था लेकिन वर्तमान परिवेश में सरकारी सिस्टम का सबसे सताया हुआ कोई है तो वो किसान ही है । देश और प्रदेश की सरकारें किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उनकी स्थिति सुधारने के लिए लाख दावे करें लेकिन सरकारी मशीनरी इस पर पूरी तरह पलीता लगाते हुए नजर आती है।
गंगा कटान से परेशान हैं किसान
ताजा मामला जिले के धानापुर ब्लाक के दर्जनों गावों का है जहां गंगा कटान के कारण सैकड़ों एकड़ भूमि पहले ही गंगा में समाहित हो चुकी है, वहीं गंगा कटान के कारण गुरैनी पंप कैनाल का आधा हिस्सा गंगा में समाहित हो चुका है और इस पंप कैनाल को पूरी तरह अपने आगोश में लेने के लिए गंगा आतुर दिख रही है।दरअसल, इस पंप कैनाल से धानापुर ब्लॉक के 4000 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है इसलिए अगर इस पम्प को बचाया नहीं गया तो स्थिति बद से बत्तर हो जायेगी ।
प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
किसानो द्वारा कई बार जिला प्रशासन और शासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया गया लेकिन किसी ने इस विकट समस्या पर ध्यान नहीं दिया जिसकी वजह से नाराज किसानों ने गुरैनी पंप कैनाल पर गंगा किनारे 30 दिसंबर 2017 से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है । हांड़ कंपा देने वाली ठण्ड में किसान अंजनी सिंह के नेतृत्व में लगातार प्रदर्शन जारी है। धरने के 11 वे दिन नाराज किसानों ने धरना स्थल पर जमकर नारेबाजी की और जिला प्रशासन सांसद व विधायक के खिलाफ जमकर नारे लगाए।
चंदौली को कहा जाता है ‘धान का कटोरा’
आपको बता दें कि चंदौली जिले को धान का कटोरा कहा जाता है और यहाँ नहरों का जाल बिछा हुआ है | यहाँ के किसान बरसात के पानी पर पूरी तरह आश्रित नहीं है लेकिन जब पंप कैनाल ही नहीं रहेगा तो नहरों में पानी कहां से आएगा। किसानों के सामने उनका भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है और किसान गुरैनी पंप कैनाल को गंगा में समाहित होने से बचाने के लिए आखिरी लड़ाई लड़ने को मजबूर हो गए हैं ।
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हर साल सैकड़ों एकड़ फसल हो जाती है बर्बाद
किसानों का कहना है गंगा कटान के करण चहनियां और धानापुर ब्लॉक के दर्जनों गांव में सैकड़ों एकड़ प्रतिवर्ष कृषि भूमि गंगा में समाहित होती जा रही है और बार-बार शासन प्रशासन से गुहार लगाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। गुरैनी पंप कैनाल का आधा हिस्सा पहले ही गंगा में समा चुका है | अगर यह पंप कैनाल पूरी तरह गंगा में समा गया तो सरकार को भारी राजस्व की क्षति होगी । बड़ी बात ये है की किसानों के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो जाएगा क्योंकि जब इस पंप कैनाल से पानी ही नहीं मिलेगा तो फिर खेतों की सिंचाई कैसे होगी और हम किसान कैसे अपनी आजीविका चलाएंगे।
15 जनवरी को होगा पीपा पुल का उद्घाटन
आगामी 15 जनवरी को जिले के सांसद और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडे धानापुर में गंगा नदी पर धानापुर-गाजीपुर को जोड़ने के लिए बन रहे पीपा पुल का उद्घाटन करने आ रहे हैं । कुछ दिनों पूर्व धरना स्थल पर उनका प्रतिनिधिमंडल आया था और प्रतिनिधिमंडल ने आश्वासन दिया था कि 15 जनवरी को सांसद महोदय धरना स्थल पर आएंगे तब तक आप लोग धरना समाप्त कर दीजिए। लेकिन किसानों का कहना है कि उनका धरना 15 जनवरी तक जारी रहेगा। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सांसद महोदय ने भी समस्या पर ध्यान नहीं दिया तो 15 जनवरी के बाद किसान आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और उग्र आंदोलन करेंगे।