किसानों का विरोध प्रदर्शन बढाएगी सरकार की चिंता, आज ट्रैक्टर मार्च के बाद करेंगे रेल रोको आंदोलन…
किसान संगठन एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार हैं. आंदोलनों को स्थगित करने के बाद किसानों ने इस बार बड़ा प्लान तैयार किया है. जहां एक तरफ आज ट्रैक्टर मार्च आयोजित किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ 18 दिसंबर को रेल रोको आंदोलन करने का भी निर्णय लिया गया है. किसानों के इस प्रदर्शन से सरकार को बड़ी चुनौती का सामना हो सकता है.
किसान नेताओं की अपील
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि, 18 दिसंबर को पूरे पंजाब के 13000 गांवों के लोग रेल रोकने के लिए सड़कों पर उतरें. उनका कहना था कि जो गांव रेल पटरी के पास हैं, वहां के लोग दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक रेल रोको आंदोलन में शामिल हों. पंधेर ने यह भी कहा कि 17 दिसंबर को पंजाब से बाहर ट्रैक्टर मार्च आयोजित किया जाएगा, जबकि पीएम मोदी की मीटिंग पर उन्होंने कहा, “मैं बातों पर बात नहीं करना चाहता, जब तक मेरे हाथ में बात करने का कोई प्रस्ताव नहीं आता”
हालिया घटनाएं और किसान संगठनों का विरोध
पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू बॉर्डर पर शनिवार को दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों के समूह को सुरक्षाकर्मियों द्वारा तितर-बितर किया गया. इस दौरान आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों से 17 किसान घायल हो गए. इस घटना के बाद किसान संगठनों ने अपने ‘दिल्ली चलो’ मार्च को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया और 16 दिसंबर को पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में ट्रैक्टर मार्च निकालने का निर्णय लिया. इसके अलावा, 18 दिसंबर को पंजाब में ‘रेल रोको’ आंदोलन का ऐलान किया गया है.
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किसानों की मांग और केंद्र पर दबाव
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं. किसानों का कहना है कि सरकार को उनके मुद्दों पर गंभीरता से बातचीत करनी चाहिए और जब तक उनका समाधान नहीं होता, वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंग. यह मार्च किसानों का तीसरा प्रयास था, इससे पहले 6 और 8 दिसंबर को भी किसान दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश कर चुके थे, लेकिन हरियाणा में उन्हें सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोक लिया गया था. किसान आंदोलन एक बार फिर जोरों पर है, और इस बार उनका प्रदर्शन सरकार के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है, खासकर जब वे 18 दिसंबर को पंजाब में ‘रेल रोको’ आंदोलन करने जा रहे हैं.