देखें वीडियो, आतंक के साए में फूलों की खेती

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जम्मू के डोडा इलाके के किसान मक्के और गेंहू की खेती छोड़ फूलों की खेती कर रहे हैं,  जिससे किसानों की  ज़िन्दगी बदलने लगी है। कभी डोडा और मरमत और इसके आस पास के इलाकों में आतंकियों का साया था। लेकिन अब उन्ही इलाकों में फूलों की खेती ने यहां के किसानों की किस्मत बदल दी है। अब डोडा और मरमत के इलाके के लोग मक्के और गेंहू खेती छोड़ फूलों की खेती कर रहें और अपनी आमदनी भी दोगुनी कर रहे हैं।

डोडा से सटे इलाकों में किसान कर रहे फूलों की खेती

इस इलाके में किसान मक्के और गेंहू की फसल ही उगाते थे लेकिन जब से इस इलाके से आतंकवाद का खात्मा हुआ है। तब से यहां के किसान अब अपनी नौकरी छोड़ इलाके में फूलों की खेती कर रहे हैं और अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। खेत फूलों से महक उठे हैं। मुख्यता गेंदे की खेती कर रहे है और अब यह किसान सरकार की मदद से फूलों की दूसरी किस्मों में भी अपने खेतो में उगाने का प्रयास कर रहे है।

फूलों की खेती करने में किसान शुरुआत में डरे थे
हालांकि जब किसानों ने फूलों की खेती का  तब इनको कुछ डर भी था कि इस फसल से कही नुकसान ना हो फिर सरकार की तरफ से आश्वासन मिलने और शिविर में समझाने के बाद की अगर कोई नुकसान होने पर किसान को सब्सिडी दी जाएगी तब किसानों ने फूलों की खेती शुरू की हालांकि पूरा परिवार इस खेती में सहयोग देता है। किसान इस बात से खासे खुश है कि इनके उगाये गए फूल मंदिरों मस्जिदों के साथ गुरुद्वारों में चढाये जाते है साथ की इनसे खासी कमाई भी होती है।
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