धूमधाम से कश्मीर में मनाया जा रहा है ये त्यौहार…

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जम्मू एवं कश्मीर में प्रसिद्ध खीर भवानी उत्सव में हमेशा की तरह इस बार भी सांप्रदायिक सौहार्द्र देखने को मिला है। कश्मीरी पंडित श्रद्धालु जब तुलामुला मंदिर पहुंचे, तो वहां स्थानीय मुस्लिमों ने उनका दूध के साथ स्वागत किया।

हालांकि इस साल पर्व में हिस्सा लेने बेहद कम श्रद्धालु पहुंचे हैं। कश्मीरी पंडितों के लिए पवित्र धार्मिक उत्सव खीर भवानी मेला में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को लोग उत्तरी कश्मीर के तुलामुला कस्बा पहुंचे। श्रद्धालुओं की संख्या 300 से ज्यादा नहीं है।

तुलामुला मंदिर हिंदू देवी माता रज्ञा को समर्पित है। कश्मीरी पंडितों का मानना है कि मंदिर में मौजूद कुंड के पानी का रंग कश्मीर के साल भर के भविष्य की भविष्यवाणी करता है। गांदरबल जिले से 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तुलामुला गांव में स्थानीय मुस्लिम उत्सव के दौरान अपने पंडित भाइयों का दूध के साथ पारंपरिक तौर पर स्वागत करते आ रहे हैं।

इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्ड कमी के बावजूद स्थानीय मुस्लिमों ने पंडित भाइयों का दूध के साथ स्वागत किया, जो यह दर्शाता है कि राज्य में सुरक्षा व राजनीति की चाहे जो भी परिस्थितियां हों, हिंदुओं-मुसलमानों के बीच भाईचारा बरकरार है।

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मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने श्रद्धालुओं से बातचीत करने के लिए शुक्रवार को मंदिर का दौरा किया और उनके लिए किए गए इंतजामों का जायजा लिया। अधिकारियों का मानना है कि बदमाशों ने सोशल नेटवर्किं ग साइटों पर इस संबंध में दुष्प्रचार किया, जिसके कारण इस साल काफी कम संख्या में श्रद्धालु उत्सव में शिरकत करने पहुंचे।

सन् 1990 की शुरुआत में यहां भड़की हिंसा के बाद स्थानीय पंडितों के घाटी छोड़ने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से भारी तादाद में लोग उत्सव में हिस्सा लेने और माता के मंदिर में प्रार्थन करने के लिए तुलामुला आते रहे हैं।

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