इस रेस्टोरेंट में शहीदों के परिजनों को मिलता है सबकुछ फ्री

0

देश के लिए मरमिटने वाले जवानों के प्रति तो वैसे सभी आदर का भाव रखते हैं, लेकिन उनकी शहादत पर चंद आंसू ही छलका देने से क्या उनका और उनके परिवार का सम्मान हो जाता है। शायद नहीं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो जवानों के लिए कुछ करने की इच्छा रखते हैं।

तो चलिए हम आपको छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर के रहने वाले एक शख्स के बारे बताते हैं जो रेस्टोरेंट मालिक हैं और अपने रेस्टोरेंट पर जवानों का खास ख्याल रखते हैं। इस रेस्टोरेंट में जवानों को 25 से 50 फीसदी की छूट मिलती है। यहीं नहीं शहीद जवानों के परिजनों से एक भी रुपया नहीं लेते हैं। रेस्टोरेंट के मुख्य द्वार पर बाकायदा इसकी सूचना चस्पा की गई है।

नीलकंठ रेस्टोरेंट रायपुर रेलवे स्टेशन के समीप है। जहां काफी भीड़ लगती है,  लेकिन जब कोई जवान आता है तो उसके लिए अलग से व्यवस्था की जाती है। बिल में छूट देने का एकमात्र उद्देश्य सैनिकों और उनके परिजनों को सम्मान देना है।

नीलकंठ रेस्टोरेंट के संचालक मनीष दुबे बताते हैं कि मीडिया में अक्सर सैनिकों के शहीद होने की खबरें पढ़ने और सुनने को मिलती हैं, जिससे शहीदों और उनके परिजनों के प्रति दिल में सम्मान की भावना पैदा होती है। हम जैसे आम लोग सीमा पर देश की सेवा तो नहीं कर सकते, लेकिन सैनिकों के प्रति मन में आदर, प्यार व सम्मान की भावना अवश्य होती है।

उन्‍होंने कहा कि मैंने जब होश संभाला तो मां ने पिताजी की इच्छा के बारे में बताया था। तभी से मेरे मन में विचार आता था कि मैं देश के असली हीरो (सैनिकों) के लिए क्या कर सकता हूं। धीरे-धीरे जब रोजी-रोटी की समस्या सुलझी तो फिर रेस्टोरेंट खोला।

छत्तीसगढ़ के दूरदराज के युवा जो सेना में हैं, वे अक्सर छुट्टियों में घर आते-जाते दिखाई देते थे। उन्हें देखकर ख्याल आया कि क्यों न अपने रेस्टोरेंट में भोजन करवाकर इन्हें सम्मान दिया जाए। शुरू-शुरू में भोजन कराने के बदले पैसे नहीं लेता था, लेकिन इससे सैनिकों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती थी और उन्होंने ही राय दी कि वह सैनिकों का सम्मान ही करना चाहते हैं तो कुछ फीसद की छूट दे दें।

रेस्टोरेंट में ग्राहकों की नजर जब बोर्ड पर पड़ती है तो वे भी तारीफ करते हैं और उन्हें भी सैनिकों के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिलती है। रेस्टोरेंट में प्रतिदिन कोई न कोई सैनिक अवश्य पहुंचता है, इसलिए नहीं कि उसे छूट मिलेगी, बल्कि इसलिए कि वे सोचते हैं कि कोई तो है जो दिल से सम्मान करता है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More