वाराणसी में मोदी के समक्ष झेपेंगी आंखें, नि:शब्द होंगे भाव…
-उत्साह का होगा माहौल, निराशा की गहराई में डूबा रहेगा मन
वाराणसी : तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने के बाद पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी का वाराणसी में आगमन हो रहा है. ग्रेण्ड वेलकम की तैयारी हो चुकी है. भाजपा की ओर से उत्साह का माहौल बनाया गया है लेकिन जीत के बावजूद कम मार्जिन ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. संगठन के लोग व जनप्रतिनिधियों को स्तब्ध कर दिया है. अब पीएम मोदी का सामना करना होगा. मुलाकात तो जरूर होनी है लेकिन उनके समक्ष स्थानीय लोगों की आंखें झेपेंगी. भाव निःशब्द होंगे. उत्साह का माहौल होगा लेकिन निराशा की गहराई में मन डूबा रहेगा.
बता दें कि स्थानीय लोकसभा सीट के चुनावी नतीजे ने बहुत कुछ साफ कर दिया है. नतीजे खुद बोल रहे हैं कि भाजपा ने जिन बिरादरी पर भरोसा कर गले लगाया था, उन्होंःने बाजी पलटने में भूमिका निभाई. ऐसे में चुनाव परिणाम प्रभावित होने से भाजपा प्रत्याःशी पीएम नरेंद्र मोदी की जीत का अंतर तीन लाख से ज्या दा मतों से कम होना आश्चवर्य की बात नहीं है. वहीं, पीएम मोदी के खिलाफ इंडिया गठबंधन के प्रत्यादशी अजय राय के मुकाबले को कांटे का बनाने में इस बार संसदीय सीट के पांचों विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं ने भागीदारी निभाई.
भाजपा की भरोसेमंद बिरादरी ने दिया धोखा
शहर दक्षिणी के मतदाताओं ने अलग ही इतिहास लिखा. पांच विधानसभा क्षेत्रों में सिर्फ शहर दक्षिणी ही ऐसा, जहां पीएम मोदी एक लाख वोट का आंकड़ा पार नहीं कर पाए. जिस रोहनिया और सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र को भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता रहा, वही पाला बदलकर इंडिया गठबंधन के साथ खड़े नजर आए. अजय राय को मिले कुल वोटों का 40.74 प्रतिशत 72 साल के इतिहास में कांग्रेस का सबसे ज्या दा वोट प्रतिशत है. पिछले दस साल से बनारस के सांसद पीएम मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम को लें या गंगा घाटों को नया रूप देने के साथ नया नमो घाट बनवाने या फिर पक्का महाल (पुराना शहर) के मोहल्लों को स्मार्ट बनाने सहित अन्य काम हो, सबकुछ शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र के खाते में है.
बावजूद इसके चुनाव परिणाम के आंकड़ें बताते हैं कि शहर दक्षिणी के मतदाताओं ने पीएम मोदी को एक लाख से कम यानी 97,878 वोट ही दिए. वहीं, इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार अजय राय को इस विधानसभा में 81 हजार से ज्यादा मत मिले. पोस्टल बैलेट में भी अजय राय पीएम मोदी से कुछ ही वोट पीछे रहे. पीएम मोदी को 1531 तो अजय राय को 1373 वोट मिले.
सब कुछ कह रहा सेवापुरी व रोहनिया का परिणाम
वाराणसी संसदीय सीट के सेवापुरी और रोहनिया विधानसभा क्षेत्र के चुनाव परिणाम बहुत कुछ कह रहे हैं. इसमें भूमिहार और पटेल मतदाताओं की संख्या् सबसे अधिक है. इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में पिछले चुनाव में मिले भारी मतों ने पीएम मोदी की जीत की मार्जिन बढ़ाई थी. भाजपा ने भूमिहार मतदाताओं को साधने के लिए चुनाव से ठीक पहले धर्मेंद्र राय को एमएलसी बनाया तो पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह को वाराणसी लोकसभा सीट के चुनाव संचालक की महती जिम्मे दारी दी.
भाजपा के प्रभारी अश्वंनी त्याोगी भी इसी बिरादरी के हैं. यही नहीं प्रचार में भूमिहार नेताओं को ज्याभदा तरजीह दी गई. भूमिहार नेता तपती दोपहरी में भी लगातार दो महीने तक सेवापुरी व रोहनिया के एक-एक भूमिहार मतदाता के घर पहुंचे. अपना दल (एस) के नेता पटेल मतदाताओं को साधते रहे. इससे लगा था कि ये दोनों इलाके पीएम मोदी का बेस बनेंगे, लेकिन ईवीएम खुली तो परिणाम आश्चएर्यचकित करने वाला रहा. मतों के आंकड़ों से साफ है कि स्वलजातीय बंधुओं के साथ ही पटेल बिरादरी भी अजय राय का साथ देने में पीछे नहीं रही.
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कैंट विस क्षेत्र ने दिया सबसे बड़ा योगदान
पीएम मोदी के वाराणसी सीट से तीसरी बार डेढ़ लाख मतों के अंतर से जीतने में सबसे बड़ा योगदान कैंट विधानसभा के मतदाताओं का है. पांच विधानसभा क्षेत्रों में पीएम मोदी को सर्वाधिक करीब डेढ़ लाख के आसपास मत कैंट में ही मिले. दूसरे नंबर पर शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र है. यहां भी पीएम मोदी को वोट बरसे. पीएम मोदी के जीत के मतों का अंतर कम करने में शहर दक्षिणी के मुस्लिम मतदाताओं की प्रमुख भूमिका रही है, जो एकतरफा अजय राय के साथ रहे. बसपा के मुस्लिम प्रत्यातशी अतहर जमाल लारी की ओर मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव नहीं दिखा.